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अब अध्यादेश लाएगी सरकार

locationबैंगलोरPublished: Dec 13, 2020 05:46:53 am

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

१५ को विप की बैठक बुलाने की राज्यपाल से मांग

अब अध्यादेश लाएगी सरकार

अब अध्यादेश लाएगी सरकार

बेंगलूरु. पशु वध प्रतिबंध व संवद्र्धन विधेयक २०२० के विधानमंडल में के दोनों सदनों से पारित नहीं होने पाने के बाद अब सरकार इसे लागू करने के लिए अध्यादेश जारी करेगी। विधेयक विपक्ष के बहिर्गमन के बीच विधानसभा में बुधवार को पारित हो गया था मगर शीतकालीन अधिवेशन के आखिरी दिन को सरकार इसे विधान परिषद में पेश नहीं कर सकी।
सरकारी आवास कावेरी में सुबह गौपूजा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में येडियूरप्पा ने कहा कि सरकार इस विधेयक के प्रावधानों को लागू करने के लिए अध्यादेश लाएगी। येडियूरप्पा ने इस विधेयक के पेश हुए बिना ही विधान परिषद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के सभापति प्रतापचंद्र शेट्टी के फैसले पर आश्चर्य जताया। येडियूरप्पा ने कहा कि सभापति का सहयोग नहीं मिला।सरकार मंगलवार को परिषद का एक दिवसीय सत्र बुलाने की संभावना पर भी विचार कर रही है।
सरकार ने सभापति से मंगलवार को बैठक बुलाने के साथ ही इसे लेकर राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया है। येडियूरप्पा ने कहा कि हमने राज्यपाल को पत्र लिखा है जिसमें मंगलवार से एक या दो दिन का सत्र बुलाने के लिए अनुमति देने की मांग की गई है। येडियूरप्पा ने कहा कि जिस तरह सभापति ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया वैसा करने का उन्हें अधिकार नहीं है। सभापति भी कार्य मंत्रणा समिति की उस बैठक में मौजूद थे जिसमें सदन की कार्यवाही मंगलवार या बुधवार तक चलाने का निर्णय हुआ था। हम कामकाज निपटाने के लिए सदन की बैठक जारी करने के पक्ष में थे लेकिन उसे एकाएक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्य में पहले से ही गोहत्या पर प्रतिबंध है। इस विधेयक में भैस, बैल, बछड़े आदि को शामिल करने के साथ ही कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान है।येडियूरप्पा ने कहा कि भारतीय परंपरा में गाय को धन के समान माना जाता है। कृषि आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन आय का स्त्रोत है और कृषि कार्यों में भी उपयोग होता है। विधानसभा ने मौजूदा कानून को भी कठोर बनाने के लिए नया विधेयक पारित किया है।
अविश्वास प्रस्ताव पर तकरार

दरअसल, भाजपा सदस्यों ने सभापति के खिलाफ सत्र शुरु होने से पहले अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन सदन में वह पेश नहीं हो पाया। बुधवार को भाजपा सदस्यों ने नोटिस को कार्य सूची में शामिल करने का मसला उठाया तो सभापति ने नियमों का हवाला देकर कार्य सूची में शामिल करने से इनकार कर दिया। गुरुवार को भी यह मसला कार्य सूची में नहीं था।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा चाहती है कि मंगलवार को एक दिवसीय बैठक बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो। सूत्रों का कहना है कि अभी राज्यपाल ने शीतकालीन अधिवेशन का सत्रावसान नहीं किया है, इसलिए यह संभव है। लेकिन, इसमें कानूनी पेंच भी काफी हैं।
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