प्लाज्मा थेरेपी क्लिनिकल ट्रायल के प्रमुख और एचसीजी अस्पताल में कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. यू. एस. विशाल राव ने बताया कि प्लाज्मा रविवार शाम भेजा गया। अन्य बीमारियों से ग्रसित कोरोना पॉजिटिव एक वृद्ध महिला चेन्नई के एक निजी अस्पताल के आइसीयू में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने प्लाज्मा थेरेपी की इच्छा जताई। चेन्नई के अस्पताल ने एचसीजी स्थित कर्नाटक के एक मात्र प्लाज्मा बैंक (Plasma Bank) से प्लाज्मा के बार में पूछा। बैंक में करीब तीन बजे शाम को एक डोनर ने प्लाज्मा दान किया।
बेंगलूरु यातायात पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बना एम्बुलेंस को रास्ता दिया। एचसीजी से रविवार शाम करीब पांच बजे निकली एम्बुलेंस ने होसूर तक प्लाज्मा सुरक्षित पहुंचाया जहां पहले से ही चेन्नई अस्पताल की टीम प्लाज्मा ले जाने के लिए इंतजार कर रही थी। प्लाज्मा मिलने के बाद टीम रात करीब 9.30 बजे अस्पताल पहुंची।
डॉ. राव ने कहा कि प्रत्यारोपण के लिए दान किए गए अंगों को प्रदेश के अंदर या फिर दूसरे राज्य पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का इस्तमाल आम है लेकिन इस तरह से पहली बार प्लाज्मा भेजा गया है।
डॉ. राव ने बताया कि हर दिन के साथ प्लाज्मा की मांग बढ़ी है। कोविड से ठीक हो चुके मरीज एक समय के बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं। जितने लोग दान करेंगे उतने मरीजों की जिंदगी बचने की उम्मीद बढ़ेगी।