खर्च में केंद्र सरकार का 20 फीसदी, राज्य सरकार का 20 फीसदी तथा कर्नाटक रेल बुनियादी ढांचागत सुविधा विकास संस्था का 60 फीसदी हिस्सा होगा। योजना के लिए केंद्र सरकार 3 हजार 242 करोड़ रुपए तथा कर्नाटक सरकार अपने हिस्से के 4 हजार 734 करोड़ रुपए का अनुदान देगी। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर समेत कई करों का भुगतान राज्य सरकार को करना है लिहाजा राज्य के हिस्से की राशि केंद्र सरकार से अधिक है। शेष 7 हजार 791 करोड़ रुपए राशि की व्यवस्था कर्नाटक रेल बुनियादी ढांचागत सुविधा विकास संस्था करेगी।
छह वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य इस योजना के अंतर्गत चार गलियारों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें 148.17 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस योजना को छह वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से संगोली रायण्णा रेलवे स्टेशन से केंपेगौड़ा हवाईअड्डा, देवनहल्ली को जोडऩे वाले रेलमार्ग को पहली वरीयता देते हुए 41.40 किलोमीटर के इस मार्ग को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
बजट में हुई थी घोषणाकेंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी। साथ में इस योजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) को भी रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिली थी। केवल केंद्र सरकार के वित्तीय विभाग की मंत्रिमंडल की उपसिमिति (सीसीईए) की मंजूरी बाकी थी। 7 अक्टूबर को इस उपसमिति ने भी इस योजना को मंजूरी दी है जिसके कारण इस योजना का रास्ता साफ हो गया है। चुनावी आचार संहिता के कारण इसकी घोषणा नहीं की गई।
उपनगरीय रेल योजना के प्रस्तावित 4 गलियारे बेंगलूरु रेलवे स्टेशन -देवनहल्ली केंपगौडा हवाई अड्डा 41.40 किलोमीटरबैयप्पनहल्ली टर्मिनल-चिक्कबाणावरा 25.01 किलोमीटरकेंगेरी से व्हाइट फिल्ड तक 35.52 किलोमीटरहिललिगे स्टेशन से राजानुकुंटे तक 46.24 किलोमीटर इस तरह होगा खर्च
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक इस योजना के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए एक हजार 470 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एयरपोर्ट लिंक अलाइनमेंट, फार्मेशन के लिए 4 हजार125 करोड़, रेलवे स्टेशन भवनों के निर्माण पर 1 हजार 981 करोड़ रुपए, बिजली संपर्क पर 1050 करोड़ रुपए, सिगनल तथा टेलीकॉम पर एक हजार 373 करोड़ रुपए, सीजीएसटी तथा एसजीएसटी कर के भुगतान पर एक हजार 341 करोड़ रुपए समेत कुल मिलाकर 15 हजार 767 करोड़ रुपए का खर्च का अनुमान लगाया गया है।