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जीसैट-6 ए का प्रक्षेपण अगले माह

locationबैंगलोरPublished: Feb 09, 2018 06:56:00 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

जीएसएलवी एफ-08 से छोड़ा जाएगा संचार उपग्रह, घनाभ आकार का जीसैट-6 ए 2140 किलोग्राम वजनी है।

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) उन्नत संचार उपग्रह जीसैट-6 ए का प्रक्षेपण अगले महीने करेगा। हालांकि, इस उपग्रह का प्रक्षेपण फरवरी माह में ही होने की चर्चा थी लेकिन इसरो निदेशक देवी प्रसाद कार्णिक ने बताया कि प्रक्षेपण अगले माह होगा। इस उपग्रह को 31 मार्च से पहले पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसे भू-स्थैतिक प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से छोड़ा जाएगा।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर जीएसएलवी एफ-08 के प्रक्षेपण की तैयारियां चल रही हैं। स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन युक्त जीएसएलवी एफ-08 रॉकेट 2500 किलोग्राम वजनी उपग्रहों को भू-तुल्यकालिक अंतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित करने की योग्यता रखता है। वहीं लो अर्थ आर्बिट (एलईओ) में यह रॉकेट 5 हजार किलोग्राम वजनी उपग्रहों को स्थापित कर सकता है।
घनाभ आकार का जीसैट-6 ए 2140 किलोग्राम वजनी है और इसकी उन्नत सुविधाओं में से एक 6 मीटर व्यास का एस-बैंड खुलनीय एंटीना है जिसे नवीनतम तकनीक से बनाया गया है। यह इसरो द्वारा निर्मित सबसे बड़ा उपग्रह एंटीना है जिसका प्रयोग इस श्रृंखला के पूर्ववर्ती उपग्रह जीसैट-6 में भी किया गया था। इस एंटीना का उपयोग भारतीय भूमि पर 5 स्पॉट बीम के लिए किया जाता है। इस उपग्रह में ‘सी और ‘एस बैंड ट्रांसपोंडर हैं। ‘एस बैंड ट्रांसपोंडर मल्टीमीडिया सर्विसेज के लिए हैं जबकि ‘सी बैंड ट्रांसपोंडर सामरिक जरूरतों के लिए है। कक्षा में ऑपरेशनल होने के बाद यह उपग्रह अगले दस वर्षों तक देश को अपनी सेवाएं देगा।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इसरो उपग्रह केंद्र (आईसैक) में यह उपग्रह बनकर तैयार हो चुका है लेकिन अभी श्रीहरिकोटा नहीं भेजा गया है। जल्दी ही जीएसएलवी एफ-08 के साथ इंटीग्रेशन के लिए इसे श्रीहरिकोटा भेजा जाएगा। इसरो अधिकारियों के अनुसार जीसैट-6 ए के बाद इसरो पहले छह महीने के दौरान और कई मिशनों को अंजाम देगा। इनमें पीएसएलवी से नौवहन उपग्रह छोड़े जाने के अलावा जीएसएलवी मार्क-3 का प्रक्षेपण, कौरू से जीसैट-11 का प्रक्षेपण और चंद्रयान-2 मिशन शामिल है।
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