चंद्रयान-2 मिशन की तैयारी में एक और पड़ाव पार
बैंगलोरPublished: Oct 12, 2018 08:45:03 pm
क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 का सफल परीक्षणमिशन लांच करने के लिए जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट में होगा सीई-20 का प्रयोग
चंद्रयान-2 मिशन की तैयारी में एक और पड़ाव पार
बेंगलूरु.दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया है। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण जिस भारी रॉकेट (जीएसएलवी मार्क-3) से किया जाएगा उसमें प्रयुक्त किए जाने वाले क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण पूरा हो गया है।
इसरो की ओर से शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार जीएसएलवी मार्क-3 के क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। इस इंजन का उपयोग चंद्रयान-2 मिशन में किया जाएगा। जीएसएलवी मार्क-3 का सबसे ऊपरी चरण क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 निर्वात (वैक्युम) में 18 6 .36 किलो न्यूटन का जोर लगाता है। यह इंजन गैस जेनरेटर से परिचालित किया जाता है जिसमें तरल ऑक्सीजन और तरल हाइड्रोजन प्रणोदक (ईंधन) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस इंजन की प्रमुख उप प्रणालियां हैं थ्रस्ट चैम्बर, गैस जेनरेटर, तरल ऑक्सीजन एवं तरल हाइड्रोजन टर्बो पम्प, इग्नाइटर्स, थ्रस्ट और कंट्रोल सिस्टम, स्टार्टअप सिस्टम, कंट्रोल कंपोनेंट और पायरो वाल्व (विस्फोट पैदा करने वाले वाल्व) आदि। चंद्रयान-2 के लिए जो क्रायोजेनिक इंजन इंटीग्रेट किया गया है उसका फ्लाइट एक्सेपटेंस हॉट टेस्ट (गर्म वातावरण में उड़ान स्वीकृति परीक्षण) किया गया जो सफल रहा है।
इसरो ने कहा है कि यह परीक्षण काफी ऊंचाई पर महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रणोदन परिसर (आईपीआरसी) में 25 सेकेंड के लिए किया गया। परीक्षण के परिणाम पूर्व निर्धारित तमाम मानदंडों के अनुकूल रहे। परीक्षण के दौरान क्रायोजेनिक इंजन की सभी प्रणालियों और उपप्रणालियों ने सामान्य ढंग से कार्य किया। गौरतलब है कि इसरो ने जनवरी में चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की योजना बनाई है हालांकि, कई तकनीकी चुनौतियों के कारण इस समय सीमा में मिशन का पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है। इस बीच कई तकनीकों के परीक्षण का कार्य प्रगति पर है। हाल ही में चंद्रयान-2 के राडार का एक महत्वपूर्ण पे-लोड (उपकरण) ‘केए बैंड राडार अल्टीमीटरÓ के विकास का कार्य पूरा किया गया है।