किश्तों में जारी होगी जीएसटी उपकर की बकाया राशि
बैंगलोरPublished: Feb 17, 2020 09:30:39 pm
एजीआर बकाये पर दूरसंचार विभाग करेगा निर्णय, बेंगलूरु उपनगरीय रेल के लिए केंद्र प्रतिबद्ध: सीतारमण
किश्तों में जारी होगी जीएसटी उपकर की बकाया राशि
बेंगलूरु.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में घोषित 18 हजार 600 करोड़ की लागत वाली बेंगलूरु उपनगरीय रेल परियोजना अवश्य पूरी होगी। केंद्र सरकार इस परियोजना के पीछे पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ी है।
यहां सोमवार को सीतारमण ने विभिन्न व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों और अन्य संगठनों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बजट के बाद परिचर्चा की। बाद में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने काफी समय से लंबित बेंगलूरु उपनगरीय रेल परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 20 फीसदी होगी जबकि राज्य सरकार भी 20 फीसदी लागत साझा करेगी। शेष 60 फीसदी लगात के लिए केंद्र सरकार एक संप्रभु गारंटी के तौर पर खड़ा होगी और बाह्य एजेंसियों से इसे ऋण के रूप में जुटाया जा सकेगा। केंद्र सरकार इस 148 किमी लंबी बेंगलूरु उपनगरीय परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है।
यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के जीएसटी उपकर की बकाया राशि रोक रही है वित्त मंत्री ने इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में जीएसटी संग्रह में गिरावट आई जिसके कारण धनराशि जारी करने में देरी हुई। राज्य सरकारों की बकाया राशि किश्तों में दी जाएगी।
निजी दूर सरंचार कंपनियों द्वारा दूरसंचार विभाग की बकाया राशि के भुगतान को लेकर उत्पन्न तनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में दूर संचार विभाग को निर्णय करना है। इस मामले में कथित तौर पर वोडाफोन द्वारा ऑपरेशन बंद करने की चेतावनी पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि दूरसंचार विभाग विभिन्न निजी कंपनियों के साथ इस मुद्दे पर बात कर रहा है। उन्हें दूर संचार विभाग के निर्णय का इंतजार रहेगा।
मनरेगा सहित विभिन्न केंद्र प्रयोजित योजनाओं के लिए अनुदान जारी करने के विषय पर वित्त मंत्री ने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने योजना के तहत मजदूरी वाले हिस्से की राशि जारी कर दी है।Ó उन्होंने कहा कि 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार ने कर्नाटक के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपए जारी किए हैं जबकि 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत राज्य को 73 हजार करोड़ रुपए ही मिलते थे। ई-सॉफ्ट तथा स्टार्ट अप्स कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के दौरान केद्रीय बजट में घोषित रियायतों को बढ़ाने का अनुरोध किया गया। सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 9 हजार 500 करोड़ रुपए बढ़ोतरी की है।