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गुरु जीवन जीने की कला सिखाते हैं-साध्वी डॉ.सुप्रभा

locationबैंगलोरPublished: Aug 19, 2022 07:29:18 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

धर्मसभा का आयोजन

गुरु जीवन जीने की कला सिखाते हैं-साध्वी डॉ.सुप्रभा

गुरु जीवन जीने की कला सिखाते हैं-साध्वी डॉ.सुप्रभा

बेंगलूरु. जय ब्रज मधुकर अर्चना चातुर्मास समिति के तत्वावधान में आयोजित धर्मसभा में साध्वी डॉ. सुप्रभा ‘सुधा’ ने कहा कि जीवन में गुरु की आवश्यकता क्यों है। जैसे जीवन में मां अपने बच्चे का लालन पालन पोषण करती है। वैसे ही गुरु के निर्देशन में, सान्निध्य में शिष्य सही जीवन जीने की कला सीखता है और अपने भविष्य का निर्माण करते हुए जीवन में प्रगति पथ पर आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन गुरुणी साध्वी उमराव कुंवर का जन्म विक्रम संवत 1979 को किशनगढ़ उपखंड के दादिया गांव में हुआ था। उनकी मां का नाम अनुपमा देवी और पिता का नाम जगन्नाथ सिंह तातेड़ था। साध्वी सुप्रभा ने गुरुणी मैया के उनके ऊपर रहे असीम, अतुल्य महान उपकारों को याद करते हुए कहा कि सन 1970 में मैंने प्रथम बार राजस्थान की झीलों की नगरी उदयपुर में अर्चना महासती के दर्शन किए और वे गुरुणी मैया के दिव्य अलौकिक अनुपम संयमी व्यक्तित्व से प्रभावित होकर वे सर्वतो भावेन गुरु चरणों में हमेशा के लिए समर्पित हो गई। गुरुणी मैया की ज्ञान, संयम, दर्शन, तप, चरित्र की अमृत की रस धारा उनके रोम रोम में समा गई, ऐसा उन्हें मंगल सुखद एहसास हुआ। प्रारंभ में साध्वी डॉ. उदित प्रभा ‘उषा’ और साध्वी डॉ. इमितप्रभा ने कहा कि वे आज जो कुछ भी लायक बन पाए हैं वह सब अपनी गुरुणी मैया की कृपा का प्रसाद है। उन्होंने कहा कि जो संयम मार्ग हमने आपकी कृपा से अपनाया है वह अंतिम समय तक हमारा संयमी जीवन यहां विराजित साध्वी डॉ. सुप्रभा की निश्रा में उनकी छत्रछाया में संयमी जीवन की परि समाप्ति तक प्रशस्त साधना मय बना रहे। उन्होंने साध्वी अर्चना के संयमित जीवन के विभिन्न प्रेरक संस्मरणों को भी सभा में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अर्चना जन्मशताब्दी के प्रसंग पर आयोजित सामूहिक उपवास आराधना करने वालों का लकी ड्रॉ समिति के मंत्री पुष्पराज चोरडिय़ा एवं महिला समिति पदाधिकारियों द्वारा निकाला गया। सभा में उपस्थित सभी विजेताओं का समिति की ओर से सम्मान किया गया। प्रारंभ में साध्वी नीलेश प्रभा ने मधुर भजन प्रस्तुत किया। दीपा जैन ने भी गुरु भक्ति गीत के माध्यम से गुरुणी मैया अर्चना के गुण स्मरण किए। संचालन जय ब्रज मधुकर अर्चना चातुर्मास समिति के महामंत्री मनोहरलाल लुकड़ ने किया। उन्होंंने बताया कि रविवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। रविवार मध्यान्ह प्रवचन के दौरान भारती नगर महिला मंडल की ओर से एक लघु नाटिका का मंचन किया जाएगा।

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