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HAL : देश के सबसे बड़े सार्वजनिक रक्षा उपक्रम में काम ठप

locationबैंगलोरPublished: Oct 15, 2019 12:52:18 am

Submitted by:

Priyadarshan Sharma

HAL employees on indefinite strike over wage revision
प्रभावित होगा तीनों सेनाओं के लड़ाकू विमानों का उत्पादन

HAL : देश के सबसे बड़े सार्वजनिक रक्षा उपक्रम में काम ठप

HAL

बेंगलूरु. रक्षा क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के हजारों कर्मचारी सोमवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए। एचएएल प्रबंधन ने हड़ताल को अवैध करार दिया है।
एचएएल कर्मचारी यूनियनों की ओर से पिछले कई महीनों से एचएएल प्रबंधन से वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की जा रही है। यूनियन और प्रबंधन के बीच कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में संशोधन को लेकर पिछले सप्ताह भी बातचीत हुई थी लेकिन वार्ता विफल रही। इस हड़ताल से थलसेना, वायुसेना और नौसेना के लड़ाकू विमानो का उत्पादन ठप पड़ जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी के बेंगलूरु मुख्यालय सहित देश भर के सात राज्यों की नौ इकाइयों में स्केल ५ एवं ६ श्रेणी के १८ हजार से ज्यादा कर्मचारी बेमियादी हड़ताल में शामिल हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि एचएएल प्रबंधन द्वारा वेतन एवं भत्ता निर्धारण में कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया है। कर्मचारियों की तुलना में अधिकारियों का वेतन संशोधन ज्यादा है, इसलिए प्रबंधन से कर्मचारियों के वेतन के उचित संशोधन की मांग को लेकर कर्मचारी यूनियन हड़ताल कर रही हैं।
बेंगलूरु स्थित एचएएल मुख्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी संघों ने कहा कि प्रबंधन ने उनकी उचित और वाजिब मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया है। कर्मचारी यूनियनों ने एक जनवरी 2017 से भत्तों के पुनर्निर्धारण की मांग की है।
अखिल भारतीय एचएएल व्यापार संघ की समन्वय समिति के मुख्य संयोजक सूर्यदेव चंद्रशेखर ने कहा, कर्मचारी यूनियनों ने प्रबंधन को 30 सितंबर को ही नोटिस देकर सूचित कर दिया था कि अगर वेतन विसंगतियां दूर नहीं हुई तो हम 14 अक्टूबर से हड़ताल करेंगे। इसके बावजूद प्रबंधन ने हमारी मांगों पर गौर नहीं किया और वार्ता विफल रही, जिस कारण देश भर में 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
क्या चाहती हैं कामगार यूनियन
एचएएल प्रबंधन की ओर से कामगरों के कुल वेतन में आठ प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की गई है। वहीं, एचएएल के प्रबंधकर्ताओं का वेतन 35 फीसदी के हिसाब से बढ़ाया गया है। कर्मचारी यूनियन इसी विसंगति को दूर करने की मांग कर रहे हैं और कामगरों के वेतन मेें भी प्रबंधकर्ताओं की भांति ३५ प्रतिशत वेतन वृद्धि समानता की मांग कर रहे हैं।
एचएएल प्रबंधन ने हड़ताल को बताया ‘अवैध’
एचएएल प्रबंधन ने कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को अवैध करार दिया है। एचएएल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कर्मचारियों के वेतन संशोधन में एचएएल प्रबंधन की पेशकश उचित, निष्पक्ष और अन्य रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अंतिम रूप से दिए गए वेतन समझौतों के अनुरूप है। हालांकि, इसकी सराहना करने के बजाय यूनियनों ने उन मांगों को पेश किया है जो वर्तमान और भविष्य के व्यापार परिदृश्य में अनुचित हैं।
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