एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.माधवन ने कहा कि यह एलसीए के लिए एचएएल द्वारा किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा करार है। एलसीए (तेजस) के निर्यात की संभावनाएं भी तलाशने के लिए कंपनी जीई के साथ मिलकर काम कर रहा है। जीई के उपाध्यक्ष (व्यापार विकास एवं विपणन) सी.क्रिस ने कहा कि एचएएल से उनकी कंपनी के रिश्ते 16 साल पुराने हैं और मजबूत हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि इस नए आर्डर के साथ दोनों कंपनियों के बीच साझेदारी आगे बढ़ी है। एफ 404 इंजन पूरी दुनिया में खुद को साबित किया है और कंपनी 2029 तक सपोर्ट सेवाओं के साथ 99 इंजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि स्वदेशी तकनीक से विकसित तेजस अपने वर्ग में विश्व के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक है जो वर्ष 2004 से ही एफ-404-जीई-आइएन20 इंजन से परिचालित हो रहा है। इस इंजन के लिए आर्डर देने के साथ ही वायुसेना को 83 तेजस मार्क-1 ए विमानों की आपूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। एचएएल आने वाले दिनों में एलसीए मार्क-2 विमानों के लिए भी जीई एफ-414 इंजन ही खरीदेगा।