एचएएल ने कहा है कि विमान का इंजन चालू रहते उसमें सफलतापूर्वक ईंधन भरा गया। यह किसी टर्बो पोर्प विमान के लिए एक अनूठी उपलब्धि है। हॉट रिफ्यूलिंग के दौरान विमान का इंजन चालू रहते एक बिंदु पर दबाव बनाकर ईंधन भरा जाता है। इस तरह की खूबियों से विमानों की ऑपरेशनल क्षमता काफी बढ़ जाती है क्योंकि लैंड होने के बाद ईंधन भरने में लगने वाला समय आधा हो जाता है। अब दो उड़ानों के बीच एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर में ईंधन भरने की सुविधा हो गई है।
एचटीटी-40 दो सीटों वाला एक अत्याधुनिक ट्रेनर विमान है जिसमें कई खूबियां हैं। इसमें जीरो-जीरो इजेक्शन सीट हैं और इसे हल्के लड़ाकू विमान के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पिछले कुछ ही महीने पहले किसी ट्रेनर एयरक्राफ्ट के लिए निर्धारित सबसे कठिन मानदंड स्पिन टेस्ट में एचटीटी-40 कामयाब रहा।
एचएएल का पूरा ध्यान पर अब जल्द से जल्द इस विमान के लिए सर्टिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने पर है। वायुसेना में शामिल किए जाने के लिए एचएएल अपने ग्राहक की तमाम अपेक्षाओं के अनुरूप इस विमान को तैयार करेगा। पिछले साल 14 अक्टूबर को वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया ने इस विमान में उड़ान भरी थी। दरअसल, एचटीटी-40 परियोजना वर्ष 2013 में शुरू हुई और लगभग छह साल के दौरान 350 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। एचएएल ने एचटीटी 40 के दो प्रोटोटाइप पीटी-1 और पीटी-2 तैयार किए हैं। इसका विकास एचएएल की एक युवा टीम कर रही है। अभी तक यह एयरक्राफ्ट स्टॉल, स्पिन, इंजन रिलाइट्स, इनवर्टेड फ्लाइंग, एयरोबैटिक फ्लाइंग सहित सभी प्रमुख परीक्षणों में कामयाब रहा है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इस विमान का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
एचएएल का पूरा ध्यान पर अब जल्द से जल्द इस विमान के लिए सर्टिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने पर है। वायुसेना में शामिल किए जाने के लिए एचएएल अपने ग्राहक की तमाम अपेक्षाओं के अनुरूप इस विमान को तैयार करेगा। पिछले साल 14 अक्टूबर को वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया ने इस विमान में उड़ान भरी थी। दरअसल, एचटीटी-40 परियोजना वर्ष 2013 में शुरू हुई और लगभग छह साल के दौरान 350 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। एचएएल ने एचटीटी 40 के दो प्रोटोटाइप पीटी-1 और पीटी-2 तैयार किए हैं। इसका विकास एचएएल की एक युवा टीम कर रही है। अभी तक यह एयरक्राफ्ट स्टॉल, स्पिन, इंजन रिलाइट्स, इनवर्टेड फ्लाइंग, एयरोबैटिक फ्लाइंग सहित सभी प्रमुख परीक्षणों में कामयाब रहा है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इस विमान का उत्पादन शुरू हो जाएगा।