हमारी उन्नति संगति पर निर्भर: डॉ. समकितमुनि
जैन स्थानक, राजाजीनगर में डॉ. समकितमुनि ने प्रवचन में कहा कि आध्यात्मिक उन्नति इस बात पर निर्भर है कि हमारी संगति कैसी है।

बेंगलूरु. जैन स्थानक, राजाजीनगर में डॉ. समकितमुनि ने प्रवचन में कहा कि आध्यात्मिक उन्नति इस बात पर निर्भर है कि हमारी संगति कैसी है। यह कहावत है कि जैसी संगत वैसी रंगत। इंसान अपनी संगति से जाना जाता है। हमारे जीवन में संगत और आसपास के वातावरण का बड़ा प्रभाव पड़ता है। अच्छी संगति में अच्छा सीखने को मिलता है और बुरी संगत में बुरा ही सीखने को मिलता है। यदि हमारे आसपास का वातावरण सही नहीं है तो हमें उससे दूर हटना चाहिए। यदि हम अपने जीवन को सद्गुणों से भरना चाहें तो हमें चाहिए कि हम चरित्रवान और सदाचारी लोगों का संग करें।
प्रवचन के पूर्व मुनि छाज़ेड निवास से विहार कर राजाजीनगर स्थानक पहुंचे। इस दौरान ईंटा अपार्टमेंट स्थानक में ज्ञानमुनि एवं समकित मुनि का आध्यात्मिक मिलन हुआ। मुनि ने ज्ञानमुनि की कुशल क्षेम पूछते हुए आशीर्वाद लिया। नेमीचंद दलाल ने बताया कि जैन कॉन्फ्रेन्स कर्नाटक प्रांत मु य शाखा और युवा शाखा के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी व सदस्य, राजाजीनगर युवा सदस्य, एस एम एस विहार सेवा के सदस्य तथा अन्य ने विहार सेवा का लाभ लिया। मुनि का शुक्रवार को प्रात: गणेश बाग स्थानक की ओर विहार होगा। संचालन संघ मंत्री प्रकाश चाणोदिया ने किया।
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