scriptसुख-दुख सिक्के के दो पहलू | happiness and misery are two aspects of life | Patrika News

सुख-दुख सिक्के के दो पहलू

locationबैंगलोरPublished: Jun 15, 2019 06:45:34 pm

सुख और दुख जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू हैं। जीवन गंगा धारा के समान है। कभी सुख तो कभी दुख आते ही रहते हैं, इससे न घबराएं। चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन चेरिटेबल ट्रस्ट महालक्ष्मी लेआउट के तत्वावधान में आयोजित प्रवचन के दौरान आचार्य देवेंद्रसागर ने कहा कि संसार में सुख-दुख, दिन-रात, पाप-पुण्य, अमीरी-गरीबी, भला-बुरा सब व्याप्त है। बड़ी सावधानी से जीवन जीना चाहिए।

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सुख-दुख सिक्के के दो पहलू

बेंगलूरु. सुख और दुख जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू हैं। जीवन गंगा धारा के समान है। कभी सुख तो कभी दुख आते ही रहते हैं, इससे न घबराएं। चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन चेरिटेबल ट्रस्ट महालक्ष्मी लेआउट के तत्वावधान में आयोजित प्रवचन के दौरान आचार्य देवेंद्रसागर ने कहा कि संसार में सुख-दुख, दिन-रात, पाप-पुण्य, अमीरी-गरीबी, भला-बुरा सब व्याप्त है। बड़ी सावधानी से जीवन जीना चाहिए।
सुख भी स्थायी नहीं है, तो दुख भी स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा की दुनिया में शायद ही ऐसा कोई इंसान हो जो दुखी न हो। दुख इस दुनिया की वह सच्चाई जिससे हर किसी को रूबरू होना ही पड़ता है। जो दुख को सहने की क्षमता रखते हैं वही सुख की दुनिया तक पहुंच पाते हैं और जो इसे नही सह पाते वे जिन्दगी से रिश्ता तोड़ लेते हैं। अगर आज आप सुखी हैं तो घमण्ड मत कीजिए बल्कि लोगों से प्रेम व्यवहार बना कर रखिए ताकि जब भी आप पर कोई दुख आए तो लोग आपकी मदद को आगे आएं।
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