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बैंगलोर

पिता से बढ़कर दुनिया में कोई भगवान नहीं होता…

कवि सम्मेलन में सजे काव्य के विविध रंग

बैंगलोरJan 22, 2019 / 09:53 pm

Rajendra Vyas

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पिता से बढ़कर दुनिया में कोई भगवान नहीं होता…

बेंगलूरु. मानवीय संबंधों की गरिमा, रिश्तों की गहराई और अपनत्व को पूरी संवेदना के साथ उजागर करती कविताओं के साथही चुटीले व्यंग्य और हास्य की फुहारों से माहौल ऐसा सजा कि लोग वाह-वाह कहते नजर आए। अवसर था, साहित्य संगम बेंगलूरु एवं लायंस क्लब बेंगलोर सिटी आनंद की ओर से आयोजित हास्य कवि सम्मेलन का। माहेश्वरी भवन, ओकलीपुरम में कार्यक्रम शुरू होते ही शाम साहित्य के विविध रंगों में सजी नजर आई। अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि सरदार मंजीत सिंह, हास्य कवि एवं मंच संचालक डॉ सुनील तरुण और श्रंृगार रस की कवयित्री डॉ निधि सिंह ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से समा बांधा।
हास्य कवि डॉ तरुण ने मंच संचालन करते हुए हास्य व व्यंग्य से भरपूर कविताएं पढ़ीं तो सभागार ठहाकों से गूज उठा। डॉ निधि सिंह ने आधुनिक नारी के प्यार व जज्बात को जुबां दी। ‘शौक़-ए-विसाल-ए-यार है कहती रहूंगी मैं, दरिया ही से जो प्यार है बहती रहूँगी मैं।’ जैसी पंक्तियों से उन्होंने माहौल में श्रृंगार रस घोला तो उनकी रचनाओं का जादू श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला जिसका इजहार तालियों की गडगड़़ाहट से हुआ। तरुण ने शादीशुदा पुरुषों की जिंदगी पर हास्य के रंग बिखेरे। ‘मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता है, अरे शादीशुदा हूं यार, इससे ज्यादा कोई क्या बिगाड़ सकता है।’ यह रचना सभी को अपने दिल की बात लगी तो लोग सराहना करते नजर आए। पिता व पुत्र के रिश्ते को उन्होंने शब्दों में पिरोया। ‘पिता के जैसा दुनिया में कोई इन्सान नहीं होता, पिता से बढ़कर दुनिया में कोई भगवान नहीं होता, सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। कवि सरदार मंजीत सिंह ने विविध प्रसंगों पर अपनी हास्य व्यंग्य की रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। उनकी हनुमान के संजीवनी बूटी लाने पर केन्द्रित रचना पर श्रोता देर तक तालियां बजाते रहे।
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महावीर मेहता ने चिडिय़ा के ममत्व को कविता में उतारा। उनकी पंक्तियां ‘तुझे तेरी मनमानियां करने नहीं दूंगी, जान दे दूंगी पर अपने बच्चों को मरने नहीं दूंगी’ को खूब सराहा गया। प्रोफेसर लता चौहान ने सम्मेलन को रुह की गहराइयों में पहुंचाते हुए ‘हर दुआ में है तुझको मांग लिया, रूह की सांस मेंÓ जैसी रुमानियत से पगी पंक्तियां प्रस्तुत की जिसे काव्यप्रेमियों की भरपूर दाद मिली। राजस्थान पत्रिका, बेंगलूरु के प्रभारी संपादक राजेन्द्र शेखर व्यास की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अथिति डॉ भागीरथ अग्रवाल और विशिष्ट अतिथियों में माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष बसंत कुमार सारडा, समाज सेवी सुनील बजाज और अरविंद लड्ढा मंच पर उपस्थित थे।

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इसके पहले अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलन के बाद राधिका मूंदडा और सुनीता लाहोटी ने सुमधुर वन्दना प्रस्तुत की। संयोजक रामगोपाल मून्दडा ने स्वागत किया। लायंस क्लब के अध्यक्ष महावीर मेहता ने सभी का स्वागत किया एवं लॉयन्स क्लब के मनावसेवा कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। प्रोजेक्ट चेयरमैन एवं सदस्यता अभियान के चेयरमैन दिलीप कोठरी ने बताया कि लायंस क्लब पूरे 195 देशो में फैला है। संस्था की ओर से माला और स्मृति चिह्न देकर सभी अतिथियों व विशेष रूप से शामिल सतीश मित्तल, कुमारपाल सिसोदिया, विजय मूंदडा, सुशीला बागडी और सोहन महाराज का भी सम्मान किया गया। प्रथम सत्र का मंच संचालन युवा प्रतिभा सुष्मिता मेहता ने रोचक अंदाज में करते हुए शेरो-शायरी सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरीं। इस अवसर पर दिलीप तालेडा के सहयोग से लायंस क्लब द्वारा मंदबुद्धि बच्चों के लिए विकास केन्द्र को एक एलईडी टीवी भेंट की गई। कार्यक्रम में सुरेश धोका, रणमल जैन, सुनील खिंवसरा, राजेन्द्र मूथा, महावीर कात्रेला, नारायण गुप्ता, अनिल लुंकड़, कविता पोरवाल, हुक्मीचंद कांकरिया एवम अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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