मोदी ने ट्विटर पर अपने निजी हैंडल से लिखा ‘सुबह की एक्सरसाइज के कुछ पल साझा कर रहा हूं। योग के अलावा मैं एक ऐसे ट्रैक पर चलता हूं, जो प्रकृति के पांच तत्वों- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से प्रेरित है। ये बहुत ताजा करने वाला व्यायाम है। अगले ट्वीट में मोदी ने कुमारस्वामी और अन्य को फिटनेस चुनौती दी। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के आधिकारिक हैंडल से इस ट्वीट का जवाब दिया गया। कुमारस्वामी ने लिखा वे नियमित तौर पर योग के साथ ट्रेडमिल का उपयोग करते हैं। वे मानते हैं कि स्वास्थ्य सभी के लिए अहम् हैं और इस कारण वे इस मुहिम का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही कुमारस्वामी ने कहा कि वे राज्य के विकासात्मक फिटनेस के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए उन्होंने मोदी से सहयोग भी मांगा।
कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री हर किसी को अपने कार्य में फिट होने का संदेश दे रहे हैं, यह अच्छी बात है। मैं इसका स्वागत करता हूं। मगर, मेरी व्यक्तिगत राय है कि मुझे अपनी फिटनेस की ज्यादा चिंता नहीं है। मैंने ट्वीट किया है कि राज्य की फिटनेस ही मेरी फिटनेस है। लोगों की चाहत है कि हम विकास की उनकी आकांक्षाओं में ‘फिटÓ उतरें और उसके लिए मैं पूरा प्रयास कर रहा हूं। कुमारस्वामी ने कहा कि मोदी मेरी तरह बहुत ज्यादा काम नहीं करते। मैं रोज सैंकड़ों लोगों से मिलता हूं और प्रशासनिक काम भी करता हूं। मध्यरात्रि तक काम करता हूं और सुबह ५ बजे उठ जाता हूं। हालांकि, पिछले पांच महीने से मैंने चुनाव के कारण व्यायाम बंद कर रखा है, किन्तु मैं नियमित योग के साथ ही ट्रेडमिल का भी उपयोग करता हूं। कुमारस्वामी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के आभारी हैं कि उन्हें मेरे और राज्य की फिटनेस की चिंता है।
आश्चर्य के साथ विवाद भी
मोदी के कुमारस्वामी को चैलेंज के लिए नामित किए जाने पर आश्चर्य के साथ विवाद भी हुआ है। कुमारस्वामी की दो बार हृदय शल्य चिकित्सा हो चुकी है। राजनीतिक हलकों में इस बात पर चर्चा होती रही कि मोदी इस चुनौती के जरिए कुमारस्वामी की सेहत पर तंज कसना चाहते थे या फिर उन्हें सेहत के प्रति ज्यादा संजीदा होने का संदेश देने की कोशिश की। कुमारस्वामी का जवाब राठौड़ को नहीं भाया और उन्होंने कहा कि इस मसले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
उधर, जद-एस के राष्ट्रीय महासचिव कुंवर दानिश अली ने मोदी द्वारा कुमारस्वामी को दी गई चुनौती पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हृदय रोग के मरीज हैं और इस तरह की चुनौती उन्हें देना ठीक नहीं। प्रधानमंत्री को किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर तंज कसने का अधिकार नहीं है। अली ने कहा कि अगर शारीरिक फिटनेस ही पैमाना है तो फिर पहलवानों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री होना चाहिए। अली ने कहा कि जनता विकास और बेहतर शासन के लिए प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को चुनती है और उसी पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर है। इससे पहले मोदी के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी को दिए गए फिटनेस चैलेंज भी राजनीतिक तौर पर हमले का कारण बन चुके हैं। दोनों नेताओंं ने मोदी को तेल की कीमत के साथ ही महंगाई घटाने की चुनौती दी थी।