बेंगलूरु. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों व अधिकारियों के साथ हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया। पहले दिन मुख्यमंत्री ने बीदर और कलबुर्गी जिले का दौरा किया। इससे पहले गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री विमान से बीदर पहुंचे। हवाई अड्डे पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री चिदरी ग्राम पहुंचे जहां उन्होंने हाल ही में सरकार द्वारा जीर्णोद्धारित विशाल कुएं से जलापूर्ति का उद्घाटन किया। उन्होंने जिले के औराद तालुक के शांतपुर ग्राम में स्थित चारा डिपो और औराद में देशमुख तालाब के खुदाई कार्य का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बीदर लौटने के बाद सूखा राहत कार्यों के संबंध में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की।
धन की कमी नहीं
संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सूखा राहत कार्य के लिए धन की कोई कमी नहीं है। सूखा राहत कार्य सही तरीके से नहीं चलाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीदर व कलबुर्गी जिले भीषण सूखे की चपेट में हैं लिहाजा लोगों व पशुओं को पेयजल, चारा, दवाइयां तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि पेयजल की योजनाओं को लिए चाहे कितने भी धन की जरुरत हो सरकार उपलब्ध करवाने को तैयार है।
उन्होंने अधिकारियों को ताकीद करते हुए कहा कि क्षेत्र में कहीं से भी पेयजल की कमी की खबर नहीं आनी चाहिए। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बीदर जिले के किसानों व सूखा प्रभावितों की शिकायतें सुनी और भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी सरकार उनके साथ है और किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है। उनकी समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है। सूखा राहत कार्यों के बारे में स्थानीय अधिकारियों को जिला प्रशासन के साथ समय समय पर समीक्षा करनी चाहिए।
बीदर जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने के उपरांत मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या कलबुर्गी जिले के दौरे पर निकल गए। इस दौरान बीदर जिला प्रभारी मंत्री उमाश्री के साथ विधायक व जिलाधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ थे।