सोमशेखर ने मैसूरु में मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा को आनंद सिंह के लंबित मामलों के बारे में पूरी जानकारी है और सही समय आने पर वे उचित निर्णय करेंगे। आनंद सिंह के खिलाफ वनभूमि पर अतिक्रमण और अवैध रूप से लौह अयस्क खनन के कई मामले चलल रहे हैं। उनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के भी तीन मामलों की सुनवाई चल रही है।
कांग्रेस लगातार आनंद सिंह की नियुक्ति का विरोध कर रही है। आनंद सिंह उन बागी विधायकों में से एक हैं, जिन्हें स्पीकर ने अयोग्य घोषित कर दिया था। उन्होंंने पिछले साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी और उसी के टिकट पर उपचुनाव लड़ कर दोबारा विधायक बने हैं।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि आनंद सिंह अपने पद की शक्तियों का उपयोग कर भी अपने खिलाफ लंबित मामले बंद नहीं कर सकते। अधिकारियों को ऐसा करने के परिणामों को ध्यान रखते हुए कोई भी कदम उठाने से पहले सौ बार सोचना होगा।
आनंद अपना विभाग बदलने को तैयार
इस पूरे विवाद के सामने आने के बाद हालांकि आनंद सिंह ने कहा था कि यदि मुख्यमंत्री कहेंगे तो वे अपना विभाग बदलने को तैयार हैं और उन्होंने स्वयं वन विभाग देने की मांग नहीं की थी। लेकिन इसके साथ ही आनंद ने यह भी कहा था कि सभी मामलों में स्टे मिला हुआ है।