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उत्तर कर्नाटक की उपेक्षा के खिलाफ मठ प्रमुखों का धरना

locationबैंगलोरPublished: Jul 31, 2018 06:26:01 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

मठ प्रमुखों ने कहा कि वे पृथक राज्य की मांग का समर्थन नहीं करते लेकिन चाहते हैं कि दशकों से उपेक्षा के शिकार इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास किया जाए

Karnataka News

उत्तर कर्नाटक की उपेक्षा के खिलाफ मठ प्रमुखों का धरना

बेंगलूरु. उत्तर कर्नाटक के 30 से अधिक मठ प्रमुखों ने मंगलवार को बेलगावी में सुवर्ण विधानसौधा के सामने धरना दिया। वे क्षेत्र में विकास कार्य नहीं कराने का विरोध कर रहे थे।

पृथक उत्तर कर्नाटक राज्य के गठन की मांग को लेकर 2 अगस्त को प्रस्तावित बंद के मद्देनजर इस विरोध प्रदर्शन का महत्व बढ़ गया है। हालांकि मठ प्रमुखों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे पृथक राज्य की मांग का समर्थन नहीं करते लेकिन चाहते हैं कि दशकों से उपेक्षा के शिकार इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने राज्य की गठबंधन सरकार को चेतावनी दी कि यदि विकास कार्य शुरू नहीं हुए तो आंदोलन तेज किया जाएगा और इससे होने वाले असर के लिए राज्य सरकार ही पूरी तरह जिम्मेदार होगी।
भाजपा बंद के खिलाफ

इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता बीएस येड्डियूरप्पा ने धरना दे रहे मठ प्रमुखों से भेंट की और उनके धरने को अपनी पार्टी की तरफ से समर्थन दिया। लेकिन इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी साफ कर दिया कि भाजपा राज्य के किसी भी तरह के विभाजन के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भाजपा 2 अगस्त को आहूत उत्तर कर्नाटक बंद को समर्थन नहीं देगी और वे बंद वापस लेने की अपील करते हैं।
कांग्रेस को येड्डियूरप्पा की चुनौती

येड्डियूरप्पा ने कहा कि पिता-पुत्र ( देवेगौड़ा व कुमारस्वामी) अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए पृथक राज्य की मांग को उकसाने की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को इस मामले में अपना नजरिया सार्वजनिक करने की चुनौती देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस इसके खिलाफ है तो उसे उत्तर कर्नाटक के बारे में कुमारस्वामी की टिप्पणियों के खिलाफ सरकार से बाहर निकल जाना चाहिए। उन्होंने इस मसले पर सरकार की कड़ी आलोचना के बावजूद मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या जैसे वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
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