scriptस्वास्थ्य शिविर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज | Health camp registered in Limca Book of World Records | Patrika News

स्वास्थ्य शिविर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज

locationबैंगलोरPublished: May 18, 2022 12:32:21 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

– दो लाख से ज्यादा ने कराई स्वास्थ्य जांच

स्वास्थ्य शिविर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज

स्वास्थ्य शिविर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज

चिकित्सा शिक्षा विभाग, निजी अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चिकबल्लापुर जिले में डॉ. सुधाकर संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर रविवार को संपन्न हुआ। शिविर में रिकॉर्ड दो लाख से ज्यादा लोगों ने जांच कराई। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है और Limca Book of World Records ने इसे रिकॉर्ड किया है। एक ही स्थान पर लोगों की सबसे बड़ी भागीदारी का पिछला रिकॉर्ड 73,000 है।

डॉ. सुधाकर ने कहा कि 12 निजी अस्पताल, 13 निजी लैब, 18 मेडिकल कॉलेज, आठ सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, छह आयुष संस्थान सहित 1500 चिकित्सकों, 1500 नर्सों और 1000 लैब कर्मी और व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने शिविर को सफल बनाया। आस पास के तालुकों से आने वालों के लिए नि:शुल्क यातायात व भोजन की व्यवस्था थी। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों का उपचार होगा।

मंत्री ने बताया कि कर्नाटक के अन्य जिलों में इस तरह के एक चिकित्सा शिविर का विस्तार करने की भविष्य की योजना है। तीन करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत कार्ड प्रदान किया जाना बाकी हैं और इसे अगले 6 महीनों के भीतर वितरित किया जाएगा। राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शिविर का दौरा किया।

मरीजों की सेवा भगवान की सेवा से कम नहीं : मूर्ति

मैसूरु. मैसूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमएमसीआरआइ) ने रविवार को अपना 93वां स्नातक दिवस मनाया। 2016 बैच के 150 छात्रों को एमबीबीएस की डिग्री प्रदान की गई। मेधावी छात्रों को 13 पुरस्कार वितरित किए गए।

इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष व कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुधा मूर्ति ने चिकित्सकों से पैसा कमाने से ज्यादा जरूरमंदों के उपचार व सेवा पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सेवा के साथ पैसे खुद-ब-खुद आएंगे। उनकी बहन और पिता चिकित्सक थे। हर मरीज में भगवान हैं और मरीजों की सेवा भगवान की सेवा से कम नहीं है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को कभी भी ज्ञान से समझौता नहीं करना चाहिए। पढ़ाई हमेशा जारी रहनी चाहिए। शिक्षकों को भविष्य के चिकित्सकों को मूल्यों की शिक्षा भी देनी चाहिए।

आदिचुंचनगिरी विश्वविद्यालय के कुलपति एम. शेखर और राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एस. चंद्रशेखर शेट्टी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो