एमएस रामय्या नारायण हृदय केंद्र के कार्डिथोरैसिस व हृदय प्रत्यारोपण (Heart Transplant) सर्जन डॉ. रवि शंकर शेट्टी ने बताया कि हृदय को कमजोर कर देने वाली डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी बीमारी के कारण महेश का हृदय प्राकृतिक रूप से रंक्त पंप नहीं कर पा रहा था। उपचार का विकल्प हृदय प्रत्यारोपण था।
श्रीनिवास होसूर में सोमवार को एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। जिसके बाद जयप्रकाश नगर के निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। चिकित्सकों ने गुरुवार सुबह करीब आठ बजे उसे ब्रेन डेड प्रमाणित किया।
यातायात पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनाकर एम्बुलेंस को रास्ता दिया। धड़कते हृदय के साथ एम्बुलेंस चालक ने जयप्रकाश नगर से रामय्या अस्पताल तक की करीब 18 किलोमीटर की दूरी 20 मिनट में तय की।