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दूसरों की मदद करना जीवन का उद्देश्य हो-देवेंद्रसागर

locationबैंगलोरPublished: Feb 16, 2020 04:08:59 pm

Submitted by:

Yogesh Sharma

शांतिनगर मंदिर में धर्मसभा

दूसरों की मदद करना जीवन का उद्देश्य हो-देवेंद्रसागर

दूसरों की मदद करना जीवन का उद्देश्य हो-देवेंद्रसागर

बेंगलूरु. शांतिनगर जैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा में आचार्य देवेंद्रसागर ने कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य अपने मन, वचन और काया से औरों की मदद करना है। हमेशा यह देखा गया है कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है। वे अपनी आत्मा से ज्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं, और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है। जबकि स्पर्धा से खुद को और दूसरों को तनाव रहता है।
इसके पीछे गूढ़ विज्ञान यह है कि जब कोई अपना मन, वचन और काया को दूसरों की सेवा के लिए उपयोग करता है, तब उसे सब कुछ मिल जाता है। उसे सांसारिक सुख-सुविधा की कमी कभी नहीं होती। धर्म की शुरुआत ऑब्लाइजिंग नेचर से होती है। जब आप दूसरों के लिए कुछ करते हैं, उसी पल खुशी की शुरुआत हो जाती है। मानव जीवन का उद्देश्य जन्मो-जन्म के कर्म बंधन को तोडऩा और संपूर्ण मुक्ति को प्राप्त करना है। इसका उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करने के लिए पहले आत्मज्ञान की प्राप्ति करना आवश्यक है। यदि किसी को आत्म ज्ञान प्राप्त करने का अवसर नहीं मिलता तो उसे परोपकार में जीवन व्यतीत करना चाहिए। धर्म प्रवचन से पूर्व आचार्य, तुषार भाई नटवरलाल शाह के घर वृहद् शांति धारा अभिषेक में निश्रा प्रदान करने पहुंचे। मंत्रोच्चार पूर्वक हुए इस अभिषेक विधान में आचार्य ने महावीर के करुणा की गुणगान करते हुए कहा महावीर के जीवन का मुख्य उद्देश्य यही था कि जो भी उनसे मिले उसे सुख दें। उन्होंने अपने सुख के बारे में कभी भी नहीं सोचा। वे हमेशा दूसरों के दु:ख दूर करने के बारे में सोचते थे। यही कारण था कि उनके भीतर करुणा और अदभुत दया का भाव प्रकट हुआ। इस संकलन में आचार्य ने दूसरों की सेवा और दूसरों की मदद करके अपने जीवन का लक्ष्य कैसे पूरा करें, इस बारे में व्यापक स्पष्टीकरण दिए हैं। लेकिन शाश्वत सुख तो प्रत्यक्ष ज्ञानी के पास से आत्मज्ञान प्राप्त करके ही मिलता है।

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