बैंगलोर

उच्च न्यायालय सख्त: गड्ढा मुक्त हो शहर की सडक़ें

शहर की सडक़ों में पड़े जानलेवा गड्ढों से निजात दिलाने के लिए अब कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फरमान जारी किया है।

बैंगलोरSep 20, 2018 / 04:54 am

शंकर शर्मा

उच्च न्यायालय सख्त: गड्ढा मुक्त हो शहर की सडक़ें

बेंगलूरु. शहर की सडक़ों में पड़े जानलेवा गड्ढों से निजात दिलाने के लिए अब कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फरमान जारी किया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को फटकार लगाई और गुुरुवार तक शहर के सारे गड्ढे भरने का आदेश जारी किया।

दरअसल, आईटी सिटी के नाम से मशहूर बेंगलूरु की सडक़ों में पड़े गड्ढे न सिर्फ दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर की फजीहत भी हो रही है। इसको लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि ‘कल तक शहर की सडक़ों में गड्ढों की संख्या शून्य होनी चाहिए। यह कैसे होगा यह आप जानें।’


मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दिनेश माहेश्वरी व जस्टिस एस जी पंडित की पीठ ने टिप्पणी की कि यह आपका काम है और आपके पास पूरी रात है। आप इसे कैसे पूरा करेंगे, यह आप तय करें। जब अदालत को यह बताया कि १६०० गड्ढों को भरा जाना है तो पीठ ने कहा कि अधिकारियों को गड्ढों की संख्या गिनकर ग्लानि महसूस नहीं होती है।हालांकि, खंडपीठ गुरुवार को इस मामले पर फिर से सुनवाई नहीं करेगी।

खंडपीठ ने इसके बाद मौखिक रूप से कहा कि ‘अगर बीबीएमपी का व्यवहार ठीक नहीं रहा तो अदालत दूसरे तरीकों पर विचार करेगा। बेंगलूरु की प्रतिष्ठा हर दृष्टिकोण से स्थापित करनी होगी। अगर यह आप नहीं कर सकते हैं तो हमें कुछ निर्णय करना होगा। शहर को किसी की दया के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।’ अदालत ने यह भी कहा कि शहर में यातायात की जो बड़ी समस्या है उसमें सडक़ में पड़े गड्ढों की भी भूमिका है।


वर्ष 2015 में विजयन मेनन और अन्य एक जनहित याचिका दायर कर बीबीएमपी को दिशा निर्देश देने का आग्रह किया था। इसमेंं सडक़ों की मरम्मति और गड्ढे भरने के संदर्भ में उठाए गए कदमों पर एक कार्रवाई रिपोर्ट दायर करने और एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करने की मांग की गई जिसके आम आदमी सडक़ में पड़े गड्ढों और खस्ताहाल सडक़ की स्थिति पर शिकायत दर्ज करा सके। गौरतलब है कि शहर में सडक़ों की स्थिति बेहद खराब है। सर्विस रोड का हाल तो बुरा है ही कई जगह मेन रोड में भी गड्ढे पड़े हैं। शहर में पड़े गड्ढों के कारण हुई दुर्घटना में कई लोग जान भी गवां चुके हैं।

चार घंटे में पेश कर पाए अभिलेख
अदालत ने सुबह करीब ११ बजे पालिका के वकील को शहर में गड्ढों के भरने से संबंधित कार्य की मापन पंजिका दोपहर में होने वाली सुनवाई के दौरान पेश करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने कहा था कि ३२वें नंबर पर सूचीबद्ध याचिका के दौरान किसी भी वार्ड में गडढ भरने से संबंधित अभिलेख पेश किया जाएगा।

हालांकि, दोपहर करीब १.३० बजे के दौरान पालिका अधिकारी अभिलेख पेश नहीं कर पाए जिसे अदालत ने गंभीरता से लिया। पालिका अधिकारियों का कहना है कि एक दिन में गड्ढे भर पाना मुश्किल है लेकिन वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे।

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