कर्नाटक पेड़ संरक्षण अधिनियम 1976 और वृक्ष नियम के तहत गठित वृक्ष प्राधिकरण और संबंधित अधिकारियों को हाइ कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अभय ओक और जस्टिस एचटी नरेंद्र प्रसाद की खंडपीठ ने निर्देशित करते हुए पूछा कि शहर में क्षतिपूर्ति के लिए पेड़ों के लगाने की दिशा में क्या प्रयास किए।
अधिनियम की धारा 10 के तहत शहर में गिरने वाले पड़ों के स्थान पर नए पेड़ लगाया जाना आवश्यक है। इस संदर्भ में डीटी देवरे ने एक याचिका दायर कर शहर की बदतर स्थिति की ओर हाइ कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया था।
हाइ कोर्ट ने महाधिवक्ता को भी notice जारी कर सुनवाई के समय उपस्थित रहने को कहा है। गौरतलब है कि शहर में तेज हवा और बारिश के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। काफी हद तक green cover कम हुआ है, जिसका बुरा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह संविधान की Article 21 के तहत स्वच्छ हवा, स्वच्छ पर्यावरण, संतुलित विकास के अधिकार का उल्लंघन है।