लोगों से एहतियात बरतने की अपील करते हुए बीबीएमपी ने शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी किए। बीबीएमपी ने सभी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारियों को हैजा के किसी भी प्रकोप से निपटने के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया टीमें बनाने की सलाह दी। इसके अलावा, बीबीएमपी ने सलाह दी कि होटल, रेस्तरां और कैफे ग्राहकों को boiled drinking water (उबला हुआ पीने का पानी) दें।
बीबीएमपी के अनुसार, इसके अधिकार क्षेत्र के तहत प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामान्य अस्पतालों, निजी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और निजी प्रयोगशालाओं जैसी निजी और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में हैजा के संदिग्ध मामलों को एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म पोर्टल में रिपोर्ट किया जाना चाहिए। बीबीएमपी ने स्वास्थ्य निरीक्षकों को प्रतिदिन पानी के नमूने एकत्र करने और उन्हें निगरानी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए कहा है।
जांच के लिए भेजे गए तीनों सैंपल एक ही पीजी के
बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने बताया कि जिस व्यक्ति में हैजा की पुष्टि हुई है, वह शहर के मल्लेश्वरम में पेइंग गेस्ट के रूप में रह रहा था। जानकारी के अनुसार परिसर में वैसे पानी का उपयोग किया जा रहा था, जिसका ठीक से उपचार नहीं किया गया था। जांच के लिए भेजे गए तीनों सैंपल एक ही पीजी के हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने पानी की आपूर्ति के स्रोत का पता लगाने के लिए पीजी से पानी के नमूने भी भेजे हैं। हैजा कि जांच के लिए दो परीक्षण किए जाते हैं। पहले का परिणाम तुरंत आता है। इसमें दस्त की पुष्टि हुई है। दूसरे परीक्षण के परिणाम की प्रतीक्षा है। पीजी में बोरवेल के पानी का इस्तेमाल हो रहा था।
एहतियात के तौर पर, बीडब्ल्यूएसएसबी ने पानी के क्लोरीनीकरण को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं। शहर के विभिन्न बिंदुओं से पानी के नमूने जांच के लिए जा रहे हैं।
अभी इसे प्रकोप नहीं कहा जा सकता
स्वास्थ्य मंत्री दिनेशक गुंडूराव ने कहा कि दस्त से संबंधित सभी मामलों पर नजर रखे जा रहे हैं। हैजा के लिए भी परीक्षण किए जा रहे हैं। हालांकि, अभी इसे प्रकोप नहीं कहा जा सकता है।