उन्होंने कहा कि ऐसे विधायक के चयन के लिए सदन समिति का गठन किया जाएगा।विधानसभाध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष होंगे। उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा होंगे। समिति में नेता प्रतिपक्ष,कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री तथा दो वरिष्ठ विधायक शामिल होंगे।समिति की सिफारिशों के आधार पर ऐसे विधायक का चयन किया जाएगा, जो सदन में सक्रिय रह कर जनसमस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाता है।
इस पुरस्कार के तहत विधायक को चांदी का पदक तथा प्रमाणपत्र दिया जाएगा। एक विधायक को केवल एक बार ही पुरस्कृत किया जाएगा।सदन में विधायक का बर्ताव, सदन में उपस्थिति, सदन के नियमों की जानकारी, सत्र के दौरान पूछे गए प्रश्नों की गुणवत्ता, सदन में बहस के दौरान में तर्क रखने की क्षमता जैसे मानदंडोके आधार पर इस पुरस्कार के लिए चयन किया जाएगा।
अब कोई सीमा विवाद नहीं : शिवकुमार बेंगलूरु. देश में भाषावार राज्यों के गठन के बाद महाराष्ट्र सरकार की मांग पर महाजन आयोग गठित किया गया था। महाजन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इस समस्या का समाधान किया गया है लिहाजा कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद अब एक बीता हुआ अध्याय है।
कर्नाटक अब अपनी एक इंच जमीन किसी राज्य को नहीं देगा। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने यह बात कही।उन्होंने यहां सीमा विवाद पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बयान खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के लिए अलग विकास निगम गठित करने का फैसला किया था। परिणाम स्वरूप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस विवाद को जानबूझ कर छेड़ा है। लिहाजा इसके लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि वे राज्य में रहनेवाले मराठी भाषियों का विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन इस मामले को लेकर किसी समुदाय को खुश करने के लिए ऐसे राजनीतिक फैसले नहीं करने चाहिए जिससे राज्य के हितों को हानि होती है।