इस कार्य योजना के तहत शहर के जिन संभागों में संपत्ति कर अधिक है ऐसे संभागों में कई नए वार्डों को शामिल किया जा रहा है। जिसके कारण यहां के मकान मालिकों को नए संभाग में शामिल होने के कारण अधिक संपत्ति कर देना होगा। संपत्ति कर में वृध्दि का व्यापक विरोध को देखते हुए बीबीएमपी ने यह नया कदम उठाया है। इस चाल से संपत्ति कर में वृद्धि के बगैर ही बीबीएमपी को 1250 करोड़ रुपए अतिरिक्त संपत्ति कर का संग्रहण करना संभव होगा।
वर्ष २००८ से संभागों का पुनर्गठन नहींबीबीएमपी के आयुक्त मंजुनाथ प्रसाद के मुताबिक कर्नाटक म्युुनसिपल अधिनियम के तहत तीन वर्षों के नियमित अंतराल पर नगर निकायों के संभागों का पुनर्गठन किया जाता है। वर्ष 2008 के पश्चात बीबीएमपी के संभागों का पुनर्गठन नहीं किया है लिहाजा इस विकल्प को टटोला जा रहा है।
शहर के कई संभागों में विकास होने के कारण यहां की अचल संपत्तियों से अधिक संपत्ति कर संग्रहण किया जा सकता है।सभी वार्डों को कई वर्ग में बांटाबीबीएमपी के राजस्व विभाग नेे शहर के सिनेमाघर,कल्याण मंडप, समुदाय केंद्र, सभागार, वाणिज्य संकुल, मॉल्स,पीजी सेंटर से अधिक संपत्ति कर संग्रहित करने योजना तैयार की है।
शहर के विभिन्न 198 वार्डों को ए, बी, सी, डी, ई, एफ जैसी विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ए श्रेणी में शामिल वार्डों के मकान मालिक अधिक संपत्ति कर का भुगतान करते हैं। लिहाजा वार्डों को एक श्रेणी से दूसरी श्रेणी में स्थानांतरित करते ही यहां के मकान मालिकों को संपत्ति कर का अधिक भुगतान करना पड़ता है।