राज्य के मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और केंद्र सरकार में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा नेता सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। जानकारी के लिए पढ़ें : उत्तर कर्नाटक में बाढ़, अब तक 42 की मौत
कोई सप्ताह, कोई दो-तीन दिन, तो कोई जल्द केंद्र से राहत की रकम मिलने की दिलासा रूपी घुट्टी कर्नाटक (Karnataka) की जनता का समय-समय पर पिला दे रहा है। केंद्र की लेटलतीफी पर कांग्रेस (Congress) और जनता दल-एस (JDS) जैसे विपक्षी दलों को भाजपा और मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा की सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।
कांग्रेस के सिद्धरामय्या (Siddaramaiah) से लेकर जद-एस के एचडी कुमारस्वामी (HD Kumarswamy) तक यही कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री, उनके मंत्रियों तथा भाजपा सांसदों के अंदर इतनी हिम्मत नहीं है कि वे अपनी ही पार्टी की सरकार के प्रधानमंत्री (Prime Minister Of India) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के सामने मुंह खोल सकें।
राज्य की दुर्दशा के बारे में बताकर राहत पैकेज जारी करने का दबाव बना सकें। इन सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे डॉ. जी. परमेश्वर (G Parmeshwara) ने शुक्रवार को एक ट्वीट (Tweet) करके केंद्र में सत्ताधारी दल बदलने के साथ राज्य के साथ उनके व्यवहार बदलने की ओर इशारा किया है।
PM खुद आए थे हवाई सर्वे करने, तुरंत दिए थे 2000 करोड़ परमेश्वर ने लिखा, ‘लगभग 2009 में, मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा की सरकार राज्य में शासन संभाल रही थी, और केंद्र मन मोहन सिंह (Manmohan Singh) (एमएमएस) की सरकार। बाढ़ ने उत्तर कर्नाटक में तबाही मचाई थी। मनमोहन सिंह खुद हवाई सर्वेक्षण करने आए और 2000 करोड़ रुपए त्वरित राहत राशि जारी की। राज्य और केंद्र में अलग-अलग पार्टियां, लेकिन तब सहानुभूति थी।
मगर अब?’ इस ट्वीट के साथ परमेश्वर ने एक फोटो भी पोस्ट की है जिसमें बीएस येडियूरप्पा, मनमोहन सिंह को गुलदस्ता भेंट करते दिख रहे हैं। इस चित्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे और दिवंगत भाजपा नेता अनंत कुमार भी नजर आ रहे हैं।
इसके साथ ही परमेश्वर ने एक और ट्वीट किया जिसमें कहा कि ‘हमारे राज्य के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और अनंत कुमार के दिल्ली में रहते हुए हम आश्वस्त होते थे कि कर्नाटक की आवाज सुनी जाएगी, फिर चाहे यहां (राज्य में) अथवा वहां (केंद्र में) कोई भी सत्ता में हो। यह समय कर्नाटक की जनता के लिए विचार करने का है कि क्या उनकी आवाज दिल्ली में कहीं है, यदि नहीं, तो फिर गलती कहां हो गई ! ‘