स्पिन परीक्षण से पूर्व विमान के प्रोटोटाइप में स्पिन-विरोधी गैन्ट्री ट्रस लगाने की जरूरत होती है ताकि कलाबाजियां खाते वक्त विमान अगर असंतुलित हो तो उसे दुर्घटना से बचाया जा सके। एचटीटी-40 के दोनों प्रोटोटाइप में ये उपकरण लगाए जा चुके हैं। इन उपकरणों के साथ इन विमानों का उड़ान परीक्षण शुरू हो चुका है और जल्दी ही स्पिन और स्टॉल परीक्षण कर लिए जाएंगे। दरअसल, ट्रस लगाया जाना डिजाइनरों और इंजीनियरों के लिए एक बेहद जटिल और अहम प्रक्रिया है जिसे विमान के पिछले हिस्से में इंटीग्रेट किया जाता है।
स्पिन परीक्षण के लिए जरूरी एंटी-स्पिन पैराशूट सिस्टम (एएसपीएस) का आयात अमरीका से किया गया है जो मैनुवर के समय स्पिन नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर अनहोनी से बचाएगा। एचएएल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि स्टॉल और स्पिन टेस्ट का परिणाम टीम का मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा।
युवा टीम इस परियोजना पर लगी है और इस परीक्षण से पूर्व उसने कड़ी मेहनत की है जिसका परिणाम अभी तक उत्साहजनक रहा है। एचएएल ने इस विमान के लिए दिसम्बर 2018 तक सर्टिफिकेशन हासिल करने का लक्ष्य रखा है। गौरतलब है कि इस वर्ष एयर शो के दौरान इस बेसिक ट्रेनर ने काफी प्रशंसा बटोरी।
ब्रह्मोस दागने के लिए सुखोई तैयार
भारत जल्दी ही वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से सुपरसोनिक कू्रज मिसाइल ब्रह्मोस दागने का परीक्षण करेगा। इसके लिए देश के पूर्वी क्षेत्र के एक एयरबेस पर तैयारियां अंतिम चरण में है। सूत्रों के मुताबिक परीक्षण के लिए कुछ सुधारों के साथ दो सुखाई युद्धक तैनात हैं जबकि एक अन्य सुखाई विमान विकल्प के तौर पर रखा गया है। उधर, परीक्षण के लिए वायुसेना, ब्रह्मोस एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन, डिजाइनर और पायलटों की टीम पिछले एक सप्ताह से सक्रिय है।