भावुक इंसान हूं मैं
कुमारस्वामी उवाच: कांग्रेस का नाम भी नहीं लिया
आंसू बेबसी की निशानी नहीं
जहर पीने वाले बयान से मुख्यमंत्री ने किया किनारा
बोले, कभी नहीं कहा कि कांग्रेस डाल रही अड़चन
बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि आंसू बेबसी की निशानी नहीं है और वे भावुक इंसान हैं। बतौर मुख्यमंत्री सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए सख्ती से काम किया हैं।
दिल्ली प्रवास पर कुमारस्वामी ने वहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान पिछले सप्ताहांत अपने भावनात्मक उद्वेग भरे बयान से पलटते हुए कहा कि उनकी भावनाओं का गठबंधन सरकार से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कभी भी गठबंधन साझीदार कांग्रेस का नाम नहीं लिया। गठबंधन सरकार में जनता को खुश और स्वंय को नाखुश बताते हुए विषकंठ की तरह जहर पीने की बात करने वाले कुमारस्वामी ने तमाम विवादों के लिए मीडिया पर दोष मढ़ दिया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि ‘मैंने कांग्रेस या कांग्रेस के किसी नेता के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। अपने भाषण में कांग्रेस का जिक्र तक नहीं किया। वह पार्टी का कार्यक्रम था और मैं थोड़ा भावुक हो गया। लेकिन, मीडिया ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर दिया।Ó
कुमारस्वामी ने कहा कि मैं भावुक इंसान हूं लेकिन यह मेरी बेबसी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए भावुक हो गए थे।मैं एक पारिवारिक कार्यक्रम में बोल रहा था। पार्टी कार्यकर्ता मेरे परिवारके सदस्य की तरह हैं। मैंने अपने दुख को परिवार को दूसरे सदस्यों के साथ साझा किया। मैंने कांग्रेस नेताओं की आलोचना नहीं की। कुमारस्वामी ने कहा कि जब आप भावनात्मक होकर बात करते हैं तो आंखे भर आना या आंसू छलकना स्वभाविक है।
कुमारस्वामी ने स्वीकारा कि उनकी आंखें छलछला गईं थी लेकिन इसे कोई और रंग दिया जाना जरुरी नहीं है। कुमारस्वामी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के अलावा संवेदनाओं से भरा एक साधारण इंसान भी हूं। कुमारस्वामी ने कहा कि मैं उस दिन एक घंटे तक बोला लेकिन कभी भी यह नहीं कहा कि कांग्रेस समस्याएं पैदा कर रही है। मैंने यह कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद किसानों के ऋण माफ करने का कदम उठाया लेकिन मुझे इस कार्य का भी श्रेय नहीं मिल रहा।
कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार के फैसले वे काफी दृढ़ता से लेते हैं लेकिन जब मुझे दर्द होता है तो मैं काफी भावुक भी होता हूं। कुमारस्वामी ने कहा कि यह उनका स्वभाव है। वे जनता की पीड़ा के लिए सार्वजनिक तौर पर रोते भी हैं लेकिन किसी सरकारी कार्यक्रम या बैठक के दौरान उनकी आंखें नहीं छलकीं। यह मेरे अंदर की स्वभाविक प्रक्रिया और इसका कोई रंग नहीं है। कुमारस्वामी ने कहा कि मेरा व्यवहार आंसुओं की तरह ही पारदर्शी है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाषण देते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की आंखें भर आई और कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने से लोग खुश है लेकिन वे विषकंठ की तरह जहर पी रहे हैं। मुख्यमंत्री के इस स्वीकारोक्ति पर जहां विपक्ष ने चुटकी ली वहीं कांग्रेस ने कहा कि गठबंधन में कहीं कोई अड़चन नहीं है। सरकार गठन के बाद से ही कुमारस्वामी ने कई बार ऐसे बयान दिए जिससे गठबंधन पर सवाल खड़े हुए।
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