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मां के चरणों में शीश झुकाऊं मैं…

locationबैंगलोरPublished: Oct 13, 2018 05:14:16 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

इसके बाद महाआरती एवं महाप्रसादी का आयोजन हुआ

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मां के चरणों में शीश झुकाऊं मैं…

बेंगलूरु. राजस्थान नवदुर्गा युवा मंडल के तत्वावधान में बीटीएम लेआउट स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर में चतुर्थ विशाल रात्रि जागरण एवं एक शाम माता के नाम भजन संध्या का आयोजन हुआ। भजन कलाकार ने गणेश वंदना से शुरुआत की और फिर मां के चरणों में शीश झुकायूं मैं…, बाबा रामदेव के सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी। इसके बाद महाआरती एवं महाप्रसादी का आयोजन हुआ। युवा मंडल के देवेंद्रसिंह ढेलाणा, नारायालाल कुमावत, बाबूलाल जाट, भंवरलाल सीरवी, चेनाराम कुमावत, मांगीलला जैन सहित बड़ी संख्या में संघ सदस्य एवं समाजबंधु उपस्थित रहे।
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नवरात्रि अंतर शक्ति को जगाने का पर्व

उन्होंने कहा कि दुर्गा कौन है, दुर्गा किसे कहते हैं। जो दुर्ग का वेदन करती है। दुर्ग यानी किला

बेंगलूरु. आदिनाथ जैन मंदिर में आचार्य कुमुद नंदी ने कहा कि नवरात्रि अंतर शक्ति को जगाने का पर्व है। हिंदू इसे दुर्गा के दिन कहते हैं। लोग कहते हैं कि नवदुर्गा के दिन चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गा कौन है, दुर्गा किसे कहते हैं। जो दुर्ग का वेदन करती है। दुर्ग यानी किला। किसका किला? कर्मों का किला। आपको कर्म रूपी दुर्ग का वेदन करने की साधना करनी है। मातृशक्ति के बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते। मातृ शक्ति यानी स्त्री की सहन करने की शक्ति, ग्रहण करने की शक्ति है।
आचार्य ने कहा कि गर्भवती स्त्री के पेट में पल रहे शिशु में शक्ति मां से मिलती है। मां के नाम में बहुत ताकत है। जिंदगी सांप-सीढ़ी का खेल है। इसमें उतार- चढ़ाव आते ही रहते हैं। आदमी कभी एकदम नीचे उतर जाता है तो कभी एकदम ऊपर चढ़ जाता है। राजा से रंक, रंक से राजा बन जाता है। जहां संसार है, वहां सांप-सीढ़ी का खेल ही खेल है। यह कभी मत सोचना कि मैं बहुत दान देता हूं। बहुत धर्म करता हॅूं। मेरे घर मौत नहीं आएगी। परेशानियां नहीं आएंगी। संकट नहीं आएंगे। घटनाएं तो घटती ही रहेंगी।

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