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नवरात्रि अंतर शक्ति को जगाने का पर्व उन्होंने कहा कि दुर्गा कौन है, दुर्गा किसे कहते हैं। जो दुर्ग का वेदन करती है। दुर्ग यानी किला बेंगलूरु. आदिनाथ जैन मंदिर में आचार्य कुमुद नंदी ने कहा कि नवरात्रि अंतर शक्ति को जगाने का पर्व है। हिंदू इसे दुर्गा के दिन कहते हैं। लोग कहते हैं कि नवदुर्गा के दिन चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गा कौन है, दुर्गा किसे कहते हैं। जो दुर्ग का वेदन करती है। दुर्ग यानी किला। किसका किला? कर्मों का किला। आपको कर्म रूपी दुर्ग का वेदन करने की साधना करनी है। मातृशक्ति के बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते। मातृ शक्ति यानी स्त्री की सहन करने की शक्ति, ग्रहण करने की शक्ति है।
नवरात्रि अंतर शक्ति को जगाने का पर्व उन्होंने कहा कि दुर्गा कौन है, दुर्गा किसे कहते हैं। जो दुर्ग का वेदन करती है। दुर्ग यानी किला बेंगलूरु. आदिनाथ जैन मंदिर में आचार्य कुमुद नंदी ने कहा कि नवरात्रि अंतर शक्ति को जगाने का पर्व है। हिंदू इसे दुर्गा के दिन कहते हैं। लोग कहते हैं कि नवदुर्गा के दिन चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गा कौन है, दुर्गा किसे कहते हैं। जो दुर्ग का वेदन करती है। दुर्ग यानी किला। किसका किला? कर्मों का किला। आपको कर्म रूपी दुर्ग का वेदन करने की साधना करनी है। मातृशक्ति के बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते। मातृ शक्ति यानी स्त्री की सहन करने की शक्ति, ग्रहण करने की शक्ति है।
आचार्य ने कहा कि गर्भवती स्त्री के पेट में पल रहे शिशु में शक्ति मां से मिलती है। मां के नाम में बहुत ताकत है। जिंदगी सांप-सीढ़ी का खेल है। इसमें उतार- चढ़ाव आते ही रहते हैं। आदमी कभी एकदम नीचे उतर जाता है तो कभी एकदम ऊपर चढ़ जाता है। राजा से रंक, रंक से राजा बन जाता है। जहां संसार है, वहां सांप-सीढ़ी का खेल ही खेल है। यह कभी मत सोचना कि मैं बहुत दान देता हूं। बहुत धर्म करता हॅूं। मेरे घर मौत नहीं आएगी। परेशानियां नहीं आएंगी। संकट नहीं आएंगे। घटनाएं तो घटती ही रहेंगी।