कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा और जद-एस गठबंधन सरकार के दौरान वर्ष 2006 में जब इस परियोजना को रद्द करने का प्रस्ताव लाया गया था तो भाजपा के मंत्रियों ने उसका विरोध कर दिया।
उस समय उनकी प्रतिबद्धता कहां थी। कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी सरकार के अस्तित्व में आए अभी साढ़े पांच महीने ही हुए हैं। उन्हें थोड़ा समय दें और देखें कि वे किस तरह से काम करते हैं। इस सरकार के कार्यक्रम कैसे हैं और क्या हैं।
सरकार अपने कार्यक्रमों को लागू कर उन तमाम सवालों का जवाब देगी। उन्हें समझौते की राजनीति करने की आवश्यकता नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या समिति की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करेगी मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सदन ने उस रिपोर्ट को स्वीकार ही नहीं किया है।
अभी इसमें काफी समय है और सरकार इसपर आगे फैसला करेगी। तत्कालीन विधि मंत्री जयचंद्रा की अध्यक्षता वाली 11 सदस्यीय विधानमंडलीय समिति की रिपोर्ट दिसम्बर 2016 में सदन पटल पर रखी गई थी। इस रिपोर्ट के निष्कर्ष में समिति ने माना था कि नाइस कंपनी ने परियोजना के 22 में से 16 फ्रेमवर्क का उल्लंघन किया।