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‘अपनी आंखों में ख्वाब लाया हूँ, वो पुरानी किताब लाया हूँ…’

locationबैंगलोरPublished: Jun 04, 2019 11:50:03 pm

साहित्यिक संस्था ‘साहित्य संगम’ की ओर से हरियाणा भवन में रविवार को आयोजित हास्य कवि सम्मेलन देर रात तक जमा।

‘अपनी आंखों में ख्वाब लाया हूँ, वो पुरानी किताब लाया हूँ...’

‘अपनी आंखों में ख्वाब लाया हूँ, वो पुरानी किताब लाया हूँ…’

बेंगलूरु. साहित्यिक संस्था ‘साहित्य संगम’ की ओर से हरियाणा भवन में रविवार को आयोजित हास्य कवि सम्मेलन देर रात तक जमा। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए रचनाकारों ने अपने व्यंग्य और कटाक्ष से बड़ी संख्या में मौजूद काव्य रसिकों को खूब गुदगुदाया। इस अवसर पर सम्मान समारोह एवं साझा काव्य संग्रह का लोकार्पण भी हुआ।

तीन घंटे से अधिक समय तक चले कवि सम्मेलन में कवियों ने ऐसा समां बांधा कि श्रोता कुर्सियों पर चिपके ही रहे। संचालन करते हुए रायपुर के हास्य कवि अजय अट्टपट्टू ने चुटीले हास्य के साथ कवि सम्मेलन की शुरुआत की।


प्रारंभ में मुम्बई के युवा कवि सूरज त्रिपाठी ने ‘इस झंडे की खातिर बरसों हमने अपना खून बहाया है…’ आदि रचना सुनाकर जोश भरा। फिर मुम्बई के डॉ रजनीकांत ने ‘खोखले रिश्तों का मोल हो जाता, जाति, धर्म, भाषा का भेद खो जाता…’, और ‘अपनी आंखों में ख्वाब लाया हूं, वो पुरानी किताब लाया हूँ…’ सुनाकर शृंगार रस बिखेरा।


बेंगलूरु के हास्य कवि डॉ सुनील ‘तरुण’ ने ‘एक बार मैं जरा बीमार क्या पड़ गया…’ सुनाई तो श्रोताओं ने ठहाकों से सभागार गूंजा दिया। उन्होंने श्रोताओं के अनुरोध पर जब पिता पर अपनी भावपूर्ण रचना सुनाई तो कई की पलकें भीग गईं। भोपाल की कवयित्री डॉ.नम्रता नमिता ने ‘लगता है छू गई हूँ मैं इश्क़ की हदों को, पागल हूँ पत्थरों में धडक़न को ढूंढती हूँ…’ आदि गीत और गजल सुनाकर शृंगार रस बरसाया। कार्यक्रम के संचालक कवि अट्टपट्टू ने मोबाइल और पुराने फोन के अंतर के साथ रचनाए सुनाकर तालियां बटोरी।


अंत में लाफ्टर चैलेंज से ख्याति पाने वाले सुनील सांवरा ने माइक संभालते ही फिर हास्य बिखेरा। उन्होंने जब कुंभ का दृश्य अपने अंदाज में पेश कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। मुलायम सिंह और भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन की आवाज निकाली तो श्रोता वाह वाह करने लगे।


सम्मेलन के प्रारंभ में छाया गांधी ने वन्दना प्रस्तुत की। गायक विमल पवार ने अपने गायन से सुर सरिता बहाई। राधिका मूंधड़ा, आशा बिसानी और रचना लड्ढा ने भी प्रस्तुति दी।


इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में साहित्य संगम की ओर से बेंगलूरु के डॉ. भागीरथ अग्रवाल, बसंत सारड़ा, डॉ. सतीश जैन, सतीश मित्तल, डॉ. सतीश गोयल, सुरेश मोदी, सुनील बजाज, बिमल सरावगी, मनोज सरावगी, रमेश मेहता, डॉ. कमल कुमार बच्छावत, प्रमोद मुरारका, भोपाल चंद पगारिया, धर्मेश वोरा, चन्द्रकांत पी. डी., प्रकाश मूंधड़ा, चन्द्रा लड्ढा और डाइनल जैन को सामाजिक, सांस्कृतिक व्यावसायिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ एवं प्रेरणास्पद कार्य के लिए शॉल, माला, मैसूर पेटा, प्रतीक चिह्न, अभिनन्दन पत्र और लेपल पिन लगाकर ‘बेंगलूरु गौरव सम्मान’ दिया गया। रामगोपाल मूंधड़ा को उनके साहित्य के प्रति समर्पण और सेवा भाव के लिए वर्ष 2019 का ‘साहित्य प्रहरी सम्मान’ प्रदान किया गया। युवा एंकर सुष्मिता मेहता ने कुशल संचालन किया।


काव्य संग्रह ‘भारत के कलमकार’ का लोकार्पण
कार्यक्रम में साझा काव्य संग्रह ‘भारत के कलमकार’ का लोकार्पण किया गया। इसमें देशभर के 28 रचनाकारों की रचनाओं को स्थान मिला है। इसका सम्पादन कवयित्री प्रो. लता चौहान ने किया है। इस अवसर पर नजीबाबाद के कवि डॉ. सत्येन्द्र गुप्ता की पुस्तक ‘तिरोहे’ का भी लोकार्पण किया गया।


इन्होंने किया सहयोग
कार्यक्रम में मीडिया पार्टनर राजस्थान पत्रिका, टिकटिंग पार्टनर ‘बुक माई शो’ और इवेंट पार्टनर ‘अच्छे लोग’ थे। नवमी बिल्डर्स, सिग्मा ग्रुप और फील एट होम के प्रमुख सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो. लता चौहान, जीवराज पटेल, अजय यादव, राज टेकड़ीवाल, पीयूष बलदोटा, उमेश तुलस्यान, गोविंद गर्ग, गजेसिंह अंजाना और अली अंजुमन का विशेष योगदान रहा।

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