बल्लारी, शिवमोग्गा, हासन, चिकमगलूरु, चामराजनगर और दावणगेरे के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोवैक्सीन (covaxin) की आपूर्ति हुई है जबकि प्रदेश के 237 केंद्रों पर कोविशील्ड (covishield) का उपयोग हो रहा है। लाभान्वितों के पास टीका चुनने का विकल्प नहीं है।
भारत बायोटेक (bharat biotech) की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से इमरजेंसी इस्तमाल की मंजूरी दी गई है। कंपनी के अनुसार बुखार, सर्दी, खांसी, पसीना आना, पेट दर्द, शरीर में दर्द, मतली और उल्टी वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
एनसीडीआइआर के अनुसार कोवैक्सीन लगवाने के बाद किसी भी व्यक्ति में कोई गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। लाभान्वितों के पास दो में से एक वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं है। टीका देने से पहले कोवैक्सीन लगवाने वालों से एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाया जा रहा है।
इस पत्र में वैक्सीन की वजह से होने वाले किसी भी विपरीत प्रभाव के लिए मुआवजे की बात कही गई है क्योंकि कोवैक्सीन अभी क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में ही है, इसके बावजूद सरकार ने उसके आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दी है।
पत्र में कहा गया है कि अगर टीका की वजह से किसी तरह का बुरा प्रभाव या गंभीर प्रभाव पड़ता है तो टीका लगवाने वाले का भारत सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार प्राधिकृत केंद्रों या अस्पतालों में इलाज कराया जाएगा। मुआवजा भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी देगी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार टीकाकरण के पहले दिन शनिवार को राज्य के छह जिलों के छह मेडिकल कॉलेजों में 365 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है।