बुधवार को कोरोना संक्रमण के 7,883 मामले सामने आने के बाद भी आइसीयू में मरीजों की संख्या 701 रही। इनमें से 336 मरीज बेंगलूरु के अस्पतालों में भर्ती हैं। गत 12 दिनों में प्रदेश में आइसीयू के मरीजों की संख्या 601 से बढ़कर 701 हुई है।
स्वास्थ्य आयुक्त पंकज कुमार पांडे ने बताया कि समय पर मरीजों की पहचान और बेहतर उपचार से आइसीयू तक पहुंचने वाले मरीजों की संख्या स्थिर है। विशेषकर अगस्त के शुरुआत से ही डिस्चार्ज होने वाले मरीज भी बढ़े हैं। पहले की तुलना में मरीज अब जल्दी स्वस्थ हो रहे हैं।
महामारी विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर आर. बाबू के अनुसार कोविड के गंभीर मरीजों की संख्या घटी है। कारण, बुुजुर्गों की तुलना में अब युवा व मध्यम आयु वर्ग के लोग संक्रमित हो रहे हैं। विशेषकर बेंगलूरु में प्रतिदिन कुछ ही मरीजों को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। देश में सामने आ रहे कोरोना के मरीजों में से 85-90 फीसदी मरीज असिंप्टोमेटिक हैं। कर्नाटक में बुधवार को मिले 7883 मरीजों में से 86 फीसदी मरीज असिंप्टोमेटिक निकले। कुल मरीजों में से करीब 15 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है जबकि तीन फीसदी से भी कम मरीजों को आइसीयू की जरूरत पड़ती है।
मणिपाल अस्पताल में क्रिटिकल केयर प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. राजेश मोहन शेट्टी ने बताया कि पहले की तुलना में अगस्त में बीमारी व वायरस का स्वरूप बदला है। संक्रमण की तीव्रता भी कमजोर हुई है। जुलाई माह में आइसीयू में भर्ती ज्यादातर मरीज वेंटिलेटर पर थे। सांस लेने में आसानी हो इसलिए कई मरीजों को पेट के बल लिटाया (प्रोन पोजीशन) जाता था। अब ऐसे मामलों की संख्या तकरीबन शून्य है। आइसीयू में भर्ती 10 फीसदी से भी कम मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है।
आइसीयू में मरीज
तिथि – प्रदेश – बेंगलूरु
12 अगस्त – 701 – 336
11 अगस्त – 699 – 329
10 अगस्त – 681 – 324
09 अगस्त – 678 – 326
08 अगस्त – 683 – 328
07 अगस्त – 678 – 326
06 अगस्त – 671 – 324
05 अगस्त – 633 – 324
04 अगस्त – 634 – 322
03 अगस्त – 629 – 330
02 अगस्त – 638 – 339
01 अगस्त – 601 – 338