शहर के मल्लेश्वरम स्थित अरण्य भवन में आयोजित राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के मौके पर शहीद स्मारक पर नमन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्तव्य पालन के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को को दी जाने वाली 30 लाख रुपए अनुग्रह राशि की तर्ज पर शहीद होने वाले वन कर्मियों के आश्रितों को भी इतनी ही रकम दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वनों व वन्यजीवों की की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले शहीद सदैव स्मरणीय हैं। ईश्वर उनकी आतमा को शांंति दे। मानव वन्यजीव संघर्ष बड़ी समस्य है। हाथियों के हमले से अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिनको रोकने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।
वनों की रक्षा करके हमें जैव विविधता व पारिस्थतकीय संतुलन को बनाकर रखना होगा। हमारे राज्य में समृद्ध वन संपदा है और वन्यजीवों की संख्या भी अधिक है। वनों व वन्यजीवों की रक्षा करने के लिए प्राणों का त्याग करने वाले वनकर्मियों व वन अधिकारियों के नाम अमर रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन में शहर में वोक्कालिगा संगठनों के विरोध मार्च पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस मौके पर वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संदीप दवे, मुख्य वन प्रतिपालक पुनटी श्रीधर, सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।