scriptमनुष्य सुधरे तो राष्ट्र का सुधार हो: आचार्य देवेंद्रसागर | If man improves, nation should improve: Acharya Devendra Sagar | Patrika News

मनुष्य सुधरे तो राष्ट्र का सुधार हो: आचार्य देवेंद्रसागर

locationबैंगलोरPublished: Jun 14, 2021 08:39:22 pm

धर्मसभा का आयोजन

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बेंगलूरु. आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने जयनगर जैन संघ में प्रवचन देते हुए कहा कि समाज की बुनियादी इकाई मनुष्य है। मनुष्यों के जुडऩे से समाज और समाजों के जुडऩे एवं संगठित होने से राष्ट्र बनता है। यदि मनुष्य अपने को सुधार ले तो समाज और राष्ट्र अपने आप सुधर जाएंगे। इसलिए परोपकार, परमार्थ की महिमा बताई गई है। मनुष्यों के जीवन और कृत्य के परिष्कार के लिए उससे बढक़र रास्ता हो नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि यदि मनुष्य का आचरण सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, त्याग एवं संयम आदि पर आधारित होगा तो वह अपने धंधे में किसी प्रकार की बुराई नहीं करेगा और न जीवन में विसंगतियों की घुसपैठ नहीं होने देगा।
जीवन की शुद्धता कर्म की शुद्धता की आधारशिला है। धर्म मनुष्य के भीतर की गंदगी को दूर करता है और जिसके भीतर निर्मलता होगी, उसके हाथ कभी दूषित कर्म नहीं करेंगे।

मन को निर्मल बनाने के लिये कृतज्ञ होना जरूरी है। कृतज्ञता तब जन्म लेती है, जब हम नकारने की बजाय स्वीकार्यता या सराहना का दृष्टिकोण अपनाकर जीवन से नया रिश्ता कायम करते हैं।
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