हैंड बुक प्रिंट करने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई थी। सार्वजनक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हैंड बुक में प्रकाशित लेख को नहीं देखा था। इस गलती पर विभाग के पांच अधिकारियों को निलंबित किया गया।
उन्होंने कहा कि वे जब भी इस जिले का दौरा करते हैं तो उनके खिलाफ दलित और अन्य संगठन धरना देते है। वे आंबेडकर का बहुत सम्मान करते हंै। इस धरने की पीछे राजनीति छिपी है।