कर्नाटक विद्युत निगम (Kpc) के सूत्रों के मुताबिक राज्य में भीषण गर्मी के दिनों में बिजली की मांग चरम पर थी, इस कार्यकाल के दौरान 11 हजार 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई। गर्मी कम होने से बिजली की मांग 10 हजार मेगावाट तक गिर गई है। लेकिन अगर बिजली की मांग बढ़ती है तो उपभोक्ताओं के लिए बिजली की आपूर्ति करना संभव नहीं होगा। लिंगनमक्की बांध का अधिकतम जलस्तर 1764 फीट है, जो अभी 1746 फीट है। सूपा में जल स्तर 534.29 मीटर है। माणि पन बिजली केंद्र के बांध का अधिकतम जल स्तर 570.91 है। गत वर्ष की तुलना में इन बांधों में पानी का संग्रहण 10 फीसदी कम है।
ऐसी स्थिति में राज्य के तीनों प्रमुख पन बिजली केंद्र rain का इंतजार कर रहे हैं। बारिश होने पर ही यहां बिजली का उत्पादन संभव होगा। अन्यथा बिजली की मांग पूरी करने के लिए ताप ऊर्जा संयंत्रों पर दबाव बढ़ेगा। मगर सभी ताप ऊर्जा संयंत्र कोयले की अनियमित आपूर्ति की समस्या से जूझ रहे हैं। इसलिए इस समस्या केवल बारिश है।