scriptसुरेश अंगडी की जगह होता तो मंत्री पद नहीं लेता | If Suresh was in place of Angadi, then minister does not take office | Patrika News

सुरेश अंगडी की जगह होता तो मंत्री पद नहीं लेता

locationबैंगलोरPublished: Jun 04, 2019 10:59:19 pm

गृह मंत्री डॉ. एम.बी. पाटील ने कहा है कि बेलगावी के भाजपा सांसद सुरेश अंगडी की जगह मैं होता तो मंत्री पद लेने से इनकार कर देता।

सुरेश अंगडी की जगह होता तो मंत्री पद नहीं लेता

सुरेश अंगडी की जगह होता तो मंत्री पद नहीं लेता

हुब्बल्ली-विजयपुर. गृह मंत्री डॉ. एम.बी. पाटील ने कहा है कि बेलगावी के भाजपा सांसद सुरेश अंगडी की जगह मैं होता तो मंत्री पद लेने से इनकार कर देता। विजयपुर में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में डॉ. पाटील ने कहा कि सुरेश अंगडी को कैबिनेट में स्थान दिया जाना चाहिए था। यह लिंगायतों का अपमान है। राज्य से 10 लिंगायत सांसद निर्वाचित हुए हैं। केन्द्र सरकार की ओर से गैर हिन्दी भाषी राज्यों में हिन्दी थोपने के प्रयासों की निंदा करते हुए डॉ. पाटील ने कहा कि हिंदी राष्ट्र भाषा है।


किसी भी भाषा को थोपने से पहले स्थानीय तौर पर चर्चा अवश्य की जानी चाहिए थी। राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार कांग्रेस आलाकमान तय करेगा। गठबंधन के कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा इस बात को मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं मानूंगा। राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की हार हुई है। वहां पर तो जेडीएस से गठबंधन नहीं था।
सुरेश अंगडी का यह बयान कि बीएस येड्डियूरप्पा मुख्यमंत्री बनेंगे पर डॉ. एमबी पाटील ने कहा कि सुरेश अंगडी सबसे पहले प्रह्लाद जोशी को दिए गए मंत्री पद तथा खुद को दिए गए मंत्री पद के बारे में विचार करें। अगर मैं सुरेश अंगडी की जगह होता तो मंत्री पद लेने से इनकार कर देता।


तिरुचिरापल्ली में इसरो इनक्युबेशन केंद्र का उद्घाटन
बेंगलूरु. युवा प्रतिभाओं में उद्यमिता और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एनआइटी तिरुचिरापल्ली में स्पेस टेक्नोलॉजी इनक्युबेशन सेंटर (एस-टिक) की स्थापना की है। इसरो ने कहा ह कि इससे देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिए शिक्षा तथा उद्योगों के बीच एक इकोसिस्टम बनेगा। इसरो का यह तीसरा इनक्युबेशन सेंटर है।


इसरो अध्यक्ष डॉ. के. शिवन ने इस केंद्र का बेंगलूरु से रिमोट के जरिए उद्घाटन करने के बाद कहा कि देश की कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में इसरो की अहम भूमिका है। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों से आह्वान किया कि इसरो के निरंतर विकास में भागीदारी निभाएं और समुचित योगदान दें।

यह केंद्र पूरे दक्षिण भारत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, पुदुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना को कवर करेगा और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए अग्रणी भूमिका निभाएगा।

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