scriptखाने की बर्बादी रुके तो भारत बने सबसे शक्तिशाली देश | If the waste of food stops India becomes the most powerful country | Patrika News

खाने की बर्बादी रुके तो भारत बने सबसे शक्तिशाली देश

locationबैंगलोरPublished: Aug 19, 2017 10:00:00 pm

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगर खाने की बर्बादी रुक सके तो देश को विश्व का आर्थिक रूप से शक्तिशाली देश बनाया जा

Harsimrat Kaur Badal

Harsimrat Kaur Badal

बेंगलूरु. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगर खाने की बर्बादी रुक सके तो देश को विश्व का आर्थिक रूप से शक्तिशाली देश बनाया जा सकता ह। इसके लिए प्रयास जारी है। उन्होंने शुक्रवार को विश्व खाद्य भारत-२०१७ के रोड शो का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में जितना अनाज उत्पादन होता है, इससे अधिक खाना बर्बाद किया जाता है। देश के कई हिस्सों लोग भूख से तड़प रहे हैं। उन्हेंं अगर एक समय का भोजन भी मिले तो देश में भूख नहीं रहेगी। देश में हर साल एक बिलियन टन खाना बर्बाद होता है। उन्होंने कहा कि इस बर्बादी की रोकथाम के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। केंद्र सरकार ने शादियों, जन्म दिन और अन्य पार्टियों के नाम पर भोजन बर्बाद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया है।


उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश में एक ही रूप का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कई तरह की गलतफहमियां हैं। इसे दूर करने के प्रयास जारी हैं। जिलों और तहसीलों के स्तर पर दुकानदार, व्यापारियों और आम नागरिकों को कार्यशालाएं आयोजित कर जानकारी दी जा रही है। जीएसटी से कई चीजों की कीमतों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति जारी करने से देश में अधिक निवेश उपलब्ध होने के अलावा रोजगार की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।


उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश भर में ४२ बृहद खाद्य पार्क बनाने का फैसला किया है और २८ लोकार्पण के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार ने किसान संपदा योजना शुरू की है। भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने पर कई फायदे हैं। दुनिया की सबसे तेज वृद्धि करती अर्थव्यवस्था, विवेश के सर्वाधिक खाद्य उत्पादकों की संख्या वाला देश, दुग्ध उत्पादकों की विशाल शृंखला और सबसे तीव्र वृद्धि करता दुग्ध बाजार है। उन्होंने कहा कि साल २०२० तक खाद्य और किराना बाजार ९१५ बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा।


कृषि मंत्री कृष्ण बैरेगौड़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। इस कारण देश में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। केंद्र ने तुमकूरु और मंड्या में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की हैं। जिससे लगभग २०,००० युवकों को रोजगार मिला है। राज्य सरकार ने देश में ही पहली बार कोलार जिल में मालूरु के पास दस साल पहले ही खाद्य प्रसस्करण इकाई स्थापित की थी। उन्होंने कहा कि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रमुखता देने से कई विदेशी कंपनियां निवेश लगाने आगे आई हैं। सरकार ने प्रदेश के १४ किसान संगठनों को एकत्रित कर एक महासंघ स्थापित किया है।


उन्होंने कहा कि पांच साल से मानसून की बारिश में कमी के बावजूद प्रदेश में अनाज का उत्पादन अधिक हुआ। किसानों को हर साल उनके खेत की मिट्टी की जांच कर जानकारी दी जाती है कि वे कौन सी फसलें लगाएं। किसानों को रियायती दाम पर बीज, खाद और कीड़े मारने की दवाओं की आपूर्ति की जाती है।


इस अवसर पर खाद्य प्रस्करण मंत्रालय के संयुक्त सचिव धरमेंद्र सिंह गंगवार, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव महेश्वर राव और ब्रिटानिया कंपनी के प्रबंधन निदेशक वरुण बेरी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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