scriptजीवन में श्रद्धा नहीं तो शंका में गुजरेगी जिंदगी: डॉ. समकित | If there is no reverence in life, life will be spent in doubt | Patrika News

जीवन में श्रद्धा नहीं तो शंका में गुजरेगी जिंदगी: डॉ. समकित

locationबैंगलोरPublished: Sep 28, 2020 03:18:27 pm

शूले स्थानक में प्रवचन

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बेंगलूरु. अशोक नगर शूले जैन स्थानक में डॉ. समकित मुनि ने केशी गौतम संवाद पर प्रवचन में कहा कि केशी श्रमण जिज्ञासा करते हुए प्रश्न पूछने के पश्चात गौतम स्वामी से कहते हैं कि आप तीर्थंकर के धर्म के प्रति निशंक लग रहे हैं। मुनि ने कहा कि गौतम स्वामी कभी संदेह में नहीं रहते थे।
जब हम उलझन में होते हैं तब हमारा विश्वास खत्म हो जाता है।
यदि हम शुभ प्रभात का प्रथम लम्हा शंका में बिताते हैं तो सारा दिन संदेह में व्यतीत होता है। जैन दर्शन में परंपरा है कि प्रभात बेला में देव, गुरु, धर्म से जुडऩा। शंकित व्यक्ति कभी अपने जीवन में सही निर्णय ले नहीं पाता। निर्णय लेने के बाद यदि उलझन में पड़ जाते हैं तो जिंदगी का सफर कामयाबी की चोटी को छू नहीं पाता। जीवन में श्रद्धा के न होने पर पूरी जिंदगी शंंका में गुजर जाती है। मंजिल तक वही पहुंच सकता है जिसके मन में किसी कार्य के प्रति उलझन नहीं होती।
विश्वास केवल अध्यात्म नहीं, बल्कि गृहस्थ जीवन जीने पर के लिए भी अनिवार्य है। पूरा संसार भरोसे के आधार पर चलता है।
चेलना की कथा का समापन करते हुए कहा कि चेलना के जीवन में अनेकों कष्ट समस्याएं के आने के बाद भी वह सन्नारी जीवन में कभी रुकी नहीं, आगे बढ़ती रही और जिंदगी की बाजी जीत गई।
मुनि ने कहा कि कल से कृष्ण- सुदामा की दोस्ती की अमर कथा आरंभ होगी। प्रेम कुमार कोठारी ने बताया कि संचालन संघ मंत्री मनोहर लाल ने किया।

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