पद-विहार कर पहुंचे टी दासरहल्ली
धर्मसभा से पहले उपाध्याय प्रवर रवीन्द्र मुनि आदि ठाणा पद-विहार कर पाŸव लब्धि धाम से टी दासरहल्ली तेरापंथ भवन पहुंचे। इस मौके पर टी दासरहल्ली संघ के अध्यक्ष शांतिलाल सामरा, पूर्व अध्यक्ष भेरुलाल कालिया, उपाध्यक्ष कैलाश सहलोत, तेरापंथी सभा दासरहल्ली के अध्यक्ष व मंत्री लादूलाल बाबेल व नवरतन गांधी, चिकपेट शाखा संघ के विजयराज लूणिया, गौतमचंद धारीवाल, ज्ञानचंद बाफना, सुरेश कातरेला, मनोहर बाफना, रमेश बोहरा, विकास जैन, गोविंद भीलवाडिय़ा सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं मौजूद थे। अंत
में मंत्री दिनेश पोखरना ने आभार जताया।
धर्मसभा से पहले उपाध्याय प्रवर रवीन्द्र मुनि आदि ठाणा पद-विहार कर पाŸव लब्धि धाम से टी दासरहल्ली तेरापंथ भवन पहुंचे। इस मौके पर टी दासरहल्ली संघ के अध्यक्ष शांतिलाल सामरा, पूर्व अध्यक्ष भेरुलाल कालिया, उपाध्यक्ष कैलाश सहलोत, तेरापंथी सभा दासरहल्ली के अध्यक्ष व मंत्री लादूलाल बाबेल व नवरतन गांधी, चिकपेट शाखा संघ के विजयराज लूणिया, गौतमचंद धारीवाल, ज्ञानचंद बाफना, सुरेश कातरेला, मनोहर बाफना, रमेश बोहरा, विकास जैन, गोविंद भीलवाडिय़ा सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं मौजूद थे। अंत
में मंत्री दिनेश पोखरना ने आभार जताया।
धन के पीछे दौड़ रहा आज का मनुष्य
बेंगलूरु. विमलनाथ जैन मंदिर जिनकुलशल जैन दादावाड़ी बसवनगुड़ी के आराधना भवन में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने धर्मसभा में कहा कि काल की बलिहारी है, आज समाज में धन सर्वोपरि हो गया है। उन्होंने कहा कि स्त्री हो या पुरुष आज धन के आधार पर व्यक्ति का मूल्यांकन हो रहा है। जिसके पास धन है, वह बड़ा आदमी माना जाता है। इसी का परिणाम है कि आज हर व्यक्ति धन के पीछे दौड़ रहा है। येन केन प्रकार से वह धन पाना चाहता है। धन पाने के लिए यदि कुछ भी अन्याय अनीति करनी पड़े या स्त्री का अपना देह या शील ही बेच देना पड़े तो वह भी उसे मंजूर है। आचार्य का आगामी चातुर्मास मैसूरु तय होने से उनका 20 मई को प्रथम विहार शुरू होगा।