जीना है तो पत्थर की तरह जियो-साध्वी डॉ. समृद्धिश्री
बैंगलोरPublished: Sep 16, 2021 07:26:50 am
धर्मसभा का आयोजन
जीना है तो पत्थर की तरह जियो-साध्वी डॉ. समृद्धिश्री
बेंगलूरु. गुरु जेष्ठ पुष्कर दरबार में चामराजपेट में विराजित साध्वी डॉक्टर समृद्धिश्री ने कहा कि परमात्मा प्रभु महावीर से लाइफ मैनेजमेंट सीखें। महावीर महान साधक थे, अनु उत्तर योगी थे, अहिंसा के अवतार थे। अध्यात्म के शिखर पुरुष थे। उन्होंने अपने आप को ही तपाया है, जैसे एक कुम्हार माटी को घड़े को तपाता है। उन्होंने अपने आप को गुलाब का फूल नहीं बनाया जो आज खिले कल मुरझा जाए। उन्होंने खुद को जीवित प्रतिमा बनाया, जो हजारों सालों के बाद भी मानवता के मंदिर में सब को जीने की राह दिखा रही है। जीवन की नसीहत यही है कि कभी फूलों की तरह मत जियो जिस दिन खिलो मुरझा जाआगे। जीना है तो पत्थर की तरह जियो जिस दिन तराशे जाओ, भगवान बन जाओगे। साध्वी डॉ. दर्शनप्रभा ने कहा कि मानव का जीवन मिला है सामायिक की आराधना करें। क्योंकि मानव जीवन में ही सामाजिक कर सकते हैं। धर्मसभा में 8, 9 व 11 तपस्या के पचचखाण हुए अभी भी तपस्या ओं का दौर चल रहा है। 18 व 19 सितम्बर को तपस्वी सोहनकंवर का स्मृति दिवस एवं ध्यान योगी आचार्य डॉक्टर शिव मुनि की जयंती एकासन दिवस के रूप में चामराजपेट नगर में मनाई जाएगी। शनिवार व रविवार को बच्चों का शिविर लगाया जाएगा। सामायिक का मास खमण समय का सिद्धि तप भी चल रहा है। 23 सितम्बर से पुण्य कलश तप शुरू होगा। चामराजपेट में सभा का संचालन सुखवीर कोठारी ने किया। तपस्या के बहुमान के लाभार्थी पन्नालाल कोठारी और लक्ष्मीलाल कांठेड ने किया।