खूबसूरत लड़कियों के जाल में फंसकर कई गेंदबाजों ने अपने ओवरों में खूब रन लुटाए और कुछ बल्लेबाजों ने जानबूझकर धीमी बैटिंग की। खिलाडि़यों को ऐसा करने के निर्देश सटोरिए और मैच पिक्सर देते थे।
पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बुधवार को बताया कि खिलाडिय़ों को चीयर गल्र्स और अन्य युवतियों के माध्यम से फंसाया गया। इसके बाद ब्लैकमेल करके मैच फिक्सिंग के लिए मजबूर किया गया। केन्द्रीय अपराध जांच (सीसीबी) शाखा की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। मैच फिक्सिंग मामले में अभी तक सात खिलाडिय़ों की गिरफ्तारी हुई।
खिलाडिय़ों ने पूछताछ में बताया कि हनी ट्रैप में फंसाकर उन्हें मैच फिक्सिंग के लिए मजबूर किया गया। राव ने बताया कि कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) को पत्र लिख कर मैच फिक्सिंग मामले को गंभीरता से लेकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।
बीसीसीआई से भी मांगी जानकारी
सीसीबी ने केएससीए से केपीएल में टीमों के चयन, खिलाडिय़ों की नीलामी आदि से जुड़े विवरण मांगे हैं। इसके अलावा इस मामले की जांच का दायरा इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) तक पहुंचने की आशंका है।
सीसीबी ने केएससीए से केपीएल में टीमों के चयन, खिलाडिय़ों की नीलामी आदि से जुड़े विवरण मांगे हैं। इसके अलावा इस मामले की जांच का दायरा इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) तक पहुंचने की आशंका है।
इस मामले की भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) से भी संपर्क कर आईपीएल मैचों के बारे में आवश्यक जानकारियों मांगी गई हैं।
मालिकों ने मैच नहीं, फिक्सिंग से कमाया
राव ने यह भी बताया कि टीमों के मालिकों ने मैचों से ज्दाया मैच फिक्सिंग से ज्यादा कमाई की है। खिलाडिय़ों को विदेश भेजने और अन्य कई तरह के लालच दिए गए, लेकिन वे इस प्रलोभन का शिकार नहीं हुए तो उन्हें हनी ट्रैप में फंसाया गया।
मालिकों ने मैच नहीं, फिक्सिंग से कमाया
राव ने यह भी बताया कि टीमों के मालिकों ने मैचों से ज्दाया मैच फिक्सिंग से ज्यादा कमाई की है। खिलाडिय़ों को विदेश भेजने और अन्य कई तरह के लालच दिए गए, लेकिन वे इस प्रलोभन का शिकार नहीं हुए तो उन्हें हनी ट्रैप में फंसाया गया।
हनी ट्रैप का शिकार खिलाडिय़ों से बुकी अपने इशारों पर प्रदर्शन करवाते थे। उन्होंने कहा कि मामले के गहन छानबीन के लिए सीसीबी के अधिकारियों की छोटी सी विशेष टीम बनाई गई है।