scriptउपचुनाव के जुगाड़ में जनता दल (एस) को सबसे अधिक घाटा | In bye election JDS is biggest looser | Patrika News

उपचुनाव के जुगाड़ में जनता दल (एस) को सबसे अधिक घाटा

locationबैंगलोरPublished: Dec 09, 2019 07:33:53 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

राज्य के 15 विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में जनता दल (एस) को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। जनता दल (एस) ने इस चुनाव में हुणसूरु, महालक्ष्मी ले आउट तथा केआर पेट में इन तीन क्षेत्रों को गंवा दिया है। मैसूरु जिले के वोक्कलिगा बहुल हुणसूरु विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने जीत हासिल की तो यशवंतपुर तथा महालक्ष्मी ले आउट क्षेत्र में भाजपा ने जीत हासिल कर जनता दल (एस) को करारा झटका दिया है। इस उपचुनाव में जनता दल (एस) अपनी तीनों सीटे बचाने में विफल रहा है।

उपचुनाव के जुगाड़ में जनता दल (एस) को सबसे अधिक घाटा

उपचुनाव के जुगाड़ में जनता दल (एस) को सबसे अधिक घाटा

उपचुनाव के जुगाड़ में जनता दल (एस) को सबसे अधिक घाटा
बेंगलूरु.राज्य के 15 विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में जनता दल (एस) को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। जनता दल (एस) ने इस चुनाव में हुणसूरु, महालक्ष्मी ले आउट तथा केआर पेट में इन तीन क्षेत्रों को गंवा दिया है। मैसूरु जिले के वोक्कलिगा बहुल हुणसूरु विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने जीत हासिल की तो यशवंतपुर तथा महालक्ष्मी ले आउट क्षेत्र में भाजपा ने जीत हासिल कर जनता दल (एस) को करारा झटका दिया है। इस उपचुनाव में जनता दल (एस) अपनी तीनों सीटे बचाने में विफल रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौडा पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने वोक्कलिगा बहुल हुणसूरु,यशवंतपुर,महालक्ष्मी ले आउट, चिक्कबल्लापुर क्षेत्रों में कई बार रोड शो तथा सार्वजनिक सभाओं के माध्यम से इन सीटों को बचाने के लिए पूरी ताकत झोक दी थी। भाजपा में पहली बार वोक्कलिगा बहुल मण्ड्या जिले के केआर पेट विधानसभा क्षेत्र में कमल खिलाकर जनता दल को झटका दिया है।
काबिलेगौर है कि जनता दल ने 15 विधानसभा क्षेत्रो में से 12 क्षेत्रों में चुनाव प्रत्याशी उतारे थे होसकोटे विधानसभा क्षेत्र में पार्टी ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लडऩेवाले शरत बच्चे गौडा का समर्थन किया था।हिरेकेरुर तथा अथणी में पार्टी के प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र वापस लिया था। जनता दल (एस) ने वोक्कलिगा बहुल हासन, मण्डया तथा मैसूरु जिलों के अलावा उत्तर कर्नाटक अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया था। लेकिन उपचुनाव के परिणामों ने स्पष्ट कर दिया है की उत्तर कर्नाटक में पार्टी की जड़े उतनी मजबूत नहीं है।
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