जयचामराजेंद्र का जीवन लोगों की सेवा को समर्पित
बागवानी विभाग और मैसूरु उद्यान कला संघ ने जयचामराजेंद्र वाडियार के जीवन पर आधारित पुष्प प्रदर्शनी आयोजित कर उनका नाम और प्रसिद्ध किया है। जयचामराजेंद्र ने पूरा जीवन लोगों की सेवा के लिए अर्पित किया था। उन्हें परिवार की तरफ भी ज्यादा ध्यान नहीं देने की शिकायत सुननी पड़ती थी। वे दरबार हाल में सबसे पहले नागरिकों की समस्याएं सुनते और मौके पर ही समाधान तलाशते थे। उस समय भी कावेरी नदी के जल का विवाद था। जयचामराजेंद्र का दावा था कि किसी भी नदी पर किसी का अधिकार या कब्जा नहीं हो सकता। हर नदी देश की संपत्ति है। इसीलिए जब भी तमिलनाडु को पानी की जरूरत पड़ी, उसे पानी जारी करते थे।
बागवानी विभाग और मैसूरु उद्यान कला संघ ने जयचामराजेंद्र वाडियार के जीवन पर आधारित पुष्प प्रदर्शनी आयोजित कर उनका नाम और प्रसिद्ध किया है। जयचामराजेंद्र ने पूरा जीवन लोगों की सेवा के लिए अर्पित किया था। उन्हें परिवार की तरफ भी ज्यादा ध्यान नहीं देने की शिकायत सुननी पड़ती थी। वे दरबार हाल में सबसे पहले नागरिकों की समस्याएं सुनते और मौके पर ही समाधान तलाशते थे। उस समय भी कावेरी नदी के जल का विवाद था। जयचामराजेंद्र का दावा था कि किसी भी नदी पर किसी का अधिकार या कब्जा नहीं हो सकता। हर नदी देश की संपत्ति है। इसीलिए जब भी तमिलनाडु को पानी की जरूरत पड़ी, उसे पानी जारी करते थे।
स्वार्थ के लिए प्रकृति पर हमला
प्रमोदा देवी ने कहा कि दुनिया जितनी तरक्की कर रही है, इतना ही इस धरती को नुकसान पहुंच रहा है। इंसान स्वार्थ के लिए प्रकृति पर हमले कर रहा है। प्राकृतिक आपादाएं बढ़ी हैं। मानव-वन्य जीव संघर्ष बढ़ा है। बेंगलूरु में एक समय हजारों की संख्या में उद्यान थे। आज कुछ का ही अस्तित्व बचा है। लाल बाग और कब्बन पार्क, जेपी पार्क और अन्य प्रसिद्ध उद्यानों में रंग बिरंगे और विभिन्न प्रजाति के फूलों के पौधे लगाने की जरूरत है। कब्बन पार्क में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वायु प्रदूषण से वनस्पतियों और जीव-जंतुओं को नुकसान हो रहा है।
प्रमोदा देवी ने कहा कि दुनिया जितनी तरक्की कर रही है, इतना ही इस धरती को नुकसान पहुंच रहा है। इंसान स्वार्थ के लिए प्रकृति पर हमले कर रहा है। प्राकृतिक आपादाएं बढ़ी हैं। मानव-वन्य जीव संघर्ष बढ़ा है। बेंगलूरु में एक समय हजारों की संख्या में उद्यान थे। आज कुछ का ही अस्तित्व बचा है। लाल बाग और कब्बन पार्क, जेपी पार्क और अन्य प्रसिद्ध उद्यानों में रंग बिरंगे और विभिन्न प्रजाति के फूलों के पौधे लगाने की जरूरत है। कब्बन पार्क में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वायु प्रदूषण से वनस्पतियों और जीव-जंतुओं को नुकसान हो रहा है।
कृषि से ज्यादा बागवानी क्षेत्र में रुचि
इस अवसर पर बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. एमवी वेंकटेश ने कहा कि किसान इन दिनों कृषि से ज्यादा बागवानी क्षेत्र में रुचि दिखा रहे हैं। इस क्षेत्र में अधिक लाभ है। एक साल में कई फसलों को उगाया जा सकता है। कम पानी की भी जरूरत पड़ती है। सरकार से बागवानी फसलों को उगाने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। योजनाओं की जानकारी हर तहसील के किसान संपर्क केन्द्रों में प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर सांसद तेजस्वी सूर्य, विधायक उदय बी. गरुड़ाचार, बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक एम. जगदीश और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. एमवी वेंकटेश ने कहा कि किसान इन दिनों कृषि से ज्यादा बागवानी क्षेत्र में रुचि दिखा रहे हैं। इस क्षेत्र में अधिक लाभ है। एक साल में कई फसलों को उगाया जा सकता है। कम पानी की भी जरूरत पड़ती है। सरकार से बागवानी फसलों को उगाने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। योजनाओं की जानकारी हर तहसील के किसान संपर्क केन्द्रों में प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर सांसद तेजस्वी सूर्य, विधायक उदय बी. गरुड़ाचार, बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक एम. जगदीश और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।