कृष्णा नदी पर बने अलमत्ती व नारायणपुर जलाशय लबालब भर गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन जलाशयों से और अधिक मात्रा में पानी छोडऩा पड़ेगा। इससे रायचूर जिले में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। फिलहाल हालात काबू में हैं।
कृष्णा भाग्या जल निगम लिमिटेड (केबीजेएनएल) के अधिकारियों के अनुसार नारायणपुर जलाशय से 2.20 लाख क्यूसेक पानी छोडऩे से रायचूर जिले के देवदुर्ग तालुक में हुविनाहडगली पुल बुधवार शाम को ही डूब चुका है और जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
रायचूर-यादगीर जिलों की सीमा पर निर्मित नारायणपुर जलाशय से पानी आंध्र प्रदेश की ओर जाता है। देवदुर्ग में हंचीनाल तथा शीलाहल्ली के बीच कृष्णा नदी के पानी से पूरा इलाका दो दिनों से जलमग्न है और तेवाड़ा ग्राम के बीस परिवारों के बाढ़ के पानी से घिरने के बाद प्रशासन ने उनकी सुध ली है।
बाढ़ के पानी के कारण टापुओं में बदल चुके कड़दरागड्डी, हंचीनाला, मादारागड्डी, कराकाला गड्डी तथा हुकम्मागड्डी जैसे गांवों का संपर्क टूट गया है। कृष्णा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से हुविनाहडगहल्ली के बसवेश्वर, अनेलिंगेश्वर देवस्थान, कोप्पार का नरसिम्हास्वामी मंदिर, गुगल का अल्लम प्रभु देवस्थान आंशिक रूप से डूब गए हैं।
गुरुवार को दोपहर में 12:30 बजे तक अलमत्ती बांध में जल स्तर कुल भराव क्षमता 519.60 मीटर की तुलना में 518.550 मीटर तक पहुंच गया। बांध में 1 लाख 50 हजार 409 क्यूसेक पानी का अंतर्वाह हो रहा है, जबकि 2 लाख 13 हजार 453 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।