कोरोना के इलाज के लिए मिले छूट
मेहता की मानें तो कोविड से आम लोग काफी प्रभावित हुए हैं, वर्क फ्रॉम होम से भी असर पड़ा है। केन्द्र सरकार को ऐसा नियम या कानून बनाना चाहिए जिसमें कोरोना पर खर्च की गई राशि को आयकर में छूट दी जानी चाहिए। मेडिक्लेम की धारा 80 डी में कोरोना के इलाज के लिए विशेष या अतिरिक्त छूट देनी चाहिए। कोरोना से अनेक परिवार बर्बाद हो रहे हैं। ऐसे में आयकर की मार से परिवार तिलमिला जाता है। इस दोहरी मार से छुटकारा दिलाना चाहिए।
छोटे व्यापारियों को बहुत प्रोत्साहन की जरूरत
उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकारें अभी भी एमएसएमई को महत्व नहीं दे रही हैं। सरकार की नजर में एमएसएमई कोई मायने नहीं रखती है। लगता है छोटे व्यापारियों से सरकार को कोई लेना देना नहीं है। हालांकि ऋण की अनेक योजनाएं एमएसएमई के लिए लाए हैं। अभी भी छोटे व्यापारियों को बहुत प्रोत्साहन की जरूरत है। कोरोना जैसी महामारी के दौरान सबसे ज्यादा मार छोटे व्यापारियों पर पड़ रही है।
जीएसटी की दरों में कमी हो
उन्होंने कहा कि व्यापारियों को राहत देने के लिए जहां जीएसटी की दरों में कमी करनी चाहिए। सरकार को कोरोना महामारी के दौरान तो जीएसटी की दरें कम करने पर जरूर विचार करना चाहिए। तीन-तीन महीने कोरोना की मार झेलने के बाद व्यापारी अपने काम पर पहुंचा तो उसे अनेक तरह के रिटर्न फाइल करने पड़े। आयकर व जीएसटी की ऑडिट करानी पड़ी। सरकार को इन झमेलों से राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयकर में 15 जेजेएए है। यह रोजगार से संबंधित है। उसमें भी छूट की दर को बढ़ाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रेाजगार मिले।
मेहता की मानें तो कोविड से आम लोग काफी प्रभावित हुए हैं, वर्क फ्रॉम होम से भी असर पड़ा है। केन्द्र सरकार को ऐसा नियम या कानून बनाना चाहिए जिसमें कोरोना पर खर्च की गई राशि को आयकर में छूट दी जानी चाहिए। मेडिक्लेम की धारा 80 डी में कोरोना के इलाज के लिए विशेष या अतिरिक्त छूट देनी चाहिए। कोरोना से अनेक परिवार बर्बाद हो रहे हैं। ऐसे में आयकर की मार से परिवार तिलमिला जाता है। इस दोहरी मार से छुटकारा दिलाना चाहिए।
छोटे व्यापारियों को बहुत प्रोत्साहन की जरूरत
उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकारें अभी भी एमएसएमई को महत्व नहीं दे रही हैं। सरकार की नजर में एमएसएमई कोई मायने नहीं रखती है। लगता है छोटे व्यापारियों से सरकार को कोई लेना देना नहीं है। हालांकि ऋण की अनेक योजनाएं एमएसएमई के लिए लाए हैं। अभी भी छोटे व्यापारियों को बहुत प्रोत्साहन की जरूरत है। कोरोना जैसी महामारी के दौरान सबसे ज्यादा मार छोटे व्यापारियों पर पड़ रही है।
जीएसटी की दरों में कमी हो
उन्होंने कहा कि व्यापारियों को राहत देने के लिए जहां जीएसटी की दरों में कमी करनी चाहिए। सरकार को कोरोना महामारी के दौरान तो जीएसटी की दरें कम करने पर जरूर विचार करना चाहिए। तीन-तीन महीने कोरोना की मार झेलने के बाद व्यापारी अपने काम पर पहुंचा तो उसे अनेक तरह के रिटर्न फाइल करने पड़े। आयकर व जीएसटी की ऑडिट करानी पड़ी। सरकार को इन झमेलों से राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयकर में 15 जेजेएए है। यह रोजगार से संबंधित है। उसमें भी छूट की दर को बढ़ाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रेाजगार मिले।