बैंगलोर

शिक्षा का प्रभाव बढ़ा, संस्कार तेजी से घट रहे हैं

जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा एवं तेरापंथ महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में ज्ञानशाला दिवस पर रविवार को मुनि रणजीत कुमार व मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में संस्कार निर्माण रैली निकाली गई।

बैंगलोरSep 03, 2018 / 11:16 pm

शंकर शर्मा

शिक्षा का प्रभाव बढ़ा, संस्कार तेजी से घट रहे हैं

बेंगलूरु. जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा एवं तेरापंथ महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में ज्ञानशाला दिवस पर रविवार को मुनि रणजीत कुमार व मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में संस्कार निर्माण रैली निकाली गई। रैली तेरापंथ भवन से शुरू होकर मुख्य मार्गों से होकर पुन: तेरापंथ भवन लौटकर संपन्न हुई।


मुख्य अतिथि ज्ञानशाला प्रशिक्षक जुगराज श्रीश्रीमाली व महिला मंडल राष्ट्रीय सदस्य शशिकला नाहर थीं। मुनि रणजीत कुमार ने कहा कि यह उपक्रम संस्कार निर्माण का अच्छा उपक्रम है। मुनि रमेश कुमार ने कहा कि इस युग में शिक्षा का प्रभाव बढ़ा लेकिन संस्कार घटे हैं। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने मंगलाचरण किया। सभा अध्यक्ष प्रकाश बाबेल ने स्वागत किया।


बच्चों ने रोचक परिसंवाद की प्रस्तुति दी। महिला मंत्री व ज्ञानशाला संयोजिका ने ज्ञानशाला की गतिविधियां बताई। तेयुप अध्यक्ष सुनील बाबेल, सुगीता बाबेल, मीनाक्षी दक, महेंद्र दक ने विचार व्यक्त किए। मंत्री गौतम मुथा ने आभार जताया।

श्रीकृष्ण ने बहाई ज्ञान, भक्ति और कर्मयोग की त्रिवेणी
बेंगलूरु. राजाजीनगर स्थानक में साध्वी संयमलता, अमितप्रज्ञा, कमलप्रज्ञा, सौरभप्रज्ञा आदि ठाणा के सान्निध्य में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में पच्चखान हंडी का आयोजन हुआ। साध्वी संयमलता ने कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागृह में हुआ जहां न कोई ताली बजाने वाला था न थाली बजाने वाला।


ज्ञान, योग, निष्काम कर्मयोग तथा भक्तियोग की जो त्रिवेणी गीता के माध्यम से श्रीकृष्ण ने बहाई है वह अनुपम है। श्रीकृष्ण करुणा के सागर थे। साध्वी अमितप्रज्ञा ने दिवाकर चालीसा का पाठ किया। कृष्ण जन्माष्टमी निमित्त पच्चक्खान हंडी का आयोजन हुआ, जिसमें जीवन निर्माण के सरल प्रत्याख्यान थे। राधा कृष्ण फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में १५० बच्चों ने भाग लिया। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की नारों से भवन गूंज उठा।


वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान

चिकबल्लापुर. वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में रविवार को अनुष्ठानों में सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सुबह पंचामृत अभिषेक, बाल कृष्ण का पालना महोत्सव, महामंगल आरती सहित विविध पूजा अनुष्ठान आयोजित किए गए थे। मंदिर परिसर में कृष्ण के बाल जीवन पर आधारित रंगोलियां सजाई गई। उसके पश्चात मंदिर के आस-पास की प्रमुख सडक़ों पर शोभायात्रा निकाली गई। देर रात 12 बजे कृष्ण मंदिर में हर्षोल्लास के साथ
जन्माष्टमी मनाई गई।

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