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सुरक्षा चुनौतियों से निपटने स्वदेशी रक्षा तकनीक जरूरी: उपराष्ट्रपति

locationबैंगलोरPublished: Aug 24, 2021 11:26:05 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ एचएएल का किया दौराएयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर

सुरक्षा चुनौतियों से निपटने स्वदेशी रक्षा तकनीक जरूरी: उपराष्ट्रपति

सुरक्षा चुनौतियों से निपटने स्वदेशी रक्षा तकनीक जरूरी: उपराष्ट्रपति

बेंगलूरु.
जटिल भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उपराष्ट्रपति एम.वेंकय्या नायडू ने देश के रक्षा प्रतिष्ठानों का आह्वान किया है कि अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों का विकास स्वदेशी तरीके से करें। राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ उपराष्ट्रपति ने पहली बार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का दौरा किया।
इस दौरान एचएएल और वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश सुरक्षा से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। भू-राजनीतिक माहौल काफी जटिल है। उन्होंने कहा कि देश के महिला एवं पुरुष कठिन सुरक्षा माहौल में वर्दी में काम करते हैं। फिर भी, उन्होंने हमेशा अनुकरणीय वीरता और प्रतिबद्धता के साथ अपने रास्ते में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना किया है। यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि हमारे सशस्त्र बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे और किसी भी सुरक्षा खतरे को मजबूती से पीछे हटाएं। इसलिए, समर्थ और सक्षम भारत बनाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता सर्वोपरि है। स्वदेशी उत्पाद भविष्य में एक एयरोस्पेस और रक्षा पावरहाउस के रूप में भारत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि यहां एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र की बुनियादी संरचनाओं को देखकर देश की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हैं। रक्षा क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बढ़ती साझेदारी को भी उन्होंने सराहा। उपराष्ट्रपति ने कहा ‘एचएएल में वे तमाम खू्बियां है कि वह एयरोस्पेस क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कंपनी बन सकता है। मुझे विश्वास है एयरोस्पेस के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में एचएएल अहम भूमिका निभाएगा। अस्तित्व में आने के बाद पिछले 80 वर्षों के दौरान इस कंपनी ने जो योगदान दिया उसपर हमें गर्व है। मुझे इस बात की खुशी है कि देश ेंमें बने स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा और सरकार ने भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूत करने की पहल की है।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि विविध उत्पादों के साथ एचएएल एक अनूठी कंपनी है। भविष्य में इस कंपनी से काफी उम्मीदें हैं। उपराष्ट्रपति एवं राज्यपाल ने एचएएल के हेलीकॉप्टर एवं एलसीए डिविजन का भी दौरा किया।
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