उत्तर कर्नाटक के बेलगावी, गदग, रायचूर, कोप्पल, यादगिर तथा कलबुर्गी जिलों में भी इस बार मलनाडु क्षेत्र की तरह बारिश हुई है। गत कई वर्षों से राज्य के कुछ जिलों में अधिक तो कुछ में बारिश के अभाव का सिलसिला चल रहा था। लेकिन इस बार यह सिलसिला टूट गया है।
सितंबर के पहले दो सप्ताह में तटीय कर्नाटक में जहां औसतन 169 एमएम बारिश होती थी, वहां 264 एमएम बारिश हुई। जो 56 फीसदी अधिक है। मलनाडु क्षेत्र में जहां औसतन 86 एमएम बारिश होती थी, वहां 167 एमएम बारिश हुई है जो 95 फीसदी अधिक है। दक्षिण अंदरूनी कर्नाटक में जहां औसतन 53 एमएम बारिश होती थी वहां 137 एमएम बारिश हुई है जो 156 फीसदी अधिक है। उत्तर अंदरुनी कर्नाटक में जहां औसतन 55 एमएम बारिश होती थी वहां 94 एमएम बारिश दर्ज हुई है जो 69 फीसदी अधिक है।
उडुपी जिले में सबसे अधिक बारिश
कर्नाटक में जून माह से 15 सितंबर तक उडुपी जिले में सबसे अधिक 3 हजार 695 एमएम बारिश दर्ज हुई है। मंड्या जिले में इस दौरान न्यूनतम 336 एमएम बारिश दर्ज हुई है। 1 से 15 सितंबर तक उडुपी जिले में सबसे अधिक 414 और कोप्पल में सबसे कम 68 एमएम बारिश दर्ज हुई है।
तटीय कर्नाटक,उत्तर कर्नाटक,मलनाडु सभी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कृष्णा, कावेरी जलबहाव क्षेत्र के बांध लबालब हो गए हैं। राज्य की कावेरी, कृष्णा, तुंगा, भद्रा, शरावती, मलप्रभा, घटप्रभा समेत सभी नदियां उफान पर है। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य के सभी जिलों में कृषि गतिविधियां बढ़ गई है।
कर्नाटक में जून माह से 15 सितंबर तक उडुपी जिले में सबसे अधिक 3 हजार 695 एमएम बारिश दर्ज हुई है। मंड्या जिले में इस दौरान न्यूनतम 336 एमएम बारिश दर्ज हुई है। 1 से 15 सितंबर तक उडुपी जिले में सबसे अधिक 414 और कोप्पल में सबसे कम 68 एमएम बारिश दर्ज हुई है।
तटीय कर्नाटक,उत्तर कर्नाटक,मलनाडु सभी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कृष्णा, कावेरी जलबहाव क्षेत्र के बांध लबालब हो गए हैं। राज्य की कावेरी, कृष्णा, तुंगा, भद्रा, शरावती, मलप्रभा, घटप्रभा समेत सभी नदियां उफान पर है। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य के सभी जिलों में कृषि गतिविधियां बढ़ गई है।